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थोक महंगाई दर में गिरावट, 14-महीने के निचले स्तर पर फिसला, प्याज-फ्यूल-सब्जियों का थोक भाव सबसे ज्यादा घटा

नई दिल्ली

खुदरा महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों को राहत मिलने के बाद राहत की एक और बड़ी खबर आई है. आज, 16 जून थोक महंगाई दर के भी आंकड़े जारी हो गए हैं. मई महीने के दौरान थोक महंगाई दर में भी कमी आई है और यह 0.39% रही. मई महीने में थोक महंगाई दर माह-दर-माह आधार पर 0.85% से घटकर 0.39% पर आ चुकी है. एक्सपर्ट्स ने इसे 0.80% रहने का अनुमान जताया था.

थोक महंगाई दर में गिरावट के साथ अब यह 14 महीने के निचले स्तर पर फिसल चुका है. भारत में मई महीने के लिए यह थोक महंगाई दर मार्च 2024 के निचले स्तर पर आ गया है.

मई 2025 के लिए आंकड़ों पर डिटेल में नजर डालें तो प्राइमरी आर्टिकल्स का WPI -1.44% से घटकर -2.02% पर आ चुकी है. इस दौरान खाद्य महंगाई दर मासिक आधार पर 2.55% से 1.72% पर आ चुकी है. मैन्युफैक्चरिंग WPI 2.62% से घटकर 2.04% पर आ चुका है. फ्यूल एंड पावर WPI -2.18% से घटकर 2.27% पर आ चुका है. प्याज की थोक महंगाई दर 0.20% से घटकर -21.62% फिसल चुका है. वहीं, सब्जियों की महंगाई दर भी -18.26% से घटकर -21.62% पर फिसला है. अंडे, मांस और मछली की WPI -0.29% से घटकर -1.01% पर आ चुकी है.

ये चीजें हुईं सस्ती

खाने पीने के सामानों में कटौती करने का असर थोक महंगाई के आंकड़ों के तौर पर साफ देखा जा सकता है. खाने-पीने की चीजों (फूड इंडेक्स) की महंगाई 2.55% से घटकर 1.72% हो गई है. फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर -2.18% से घटकर -2.27 रही है. वहीं, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर 2.62% से घटकर 2.04 रही है.
रिटेल महंगाई में भी कमी

थोक महंगाई के आंकड़ों से पहले सरकार की ओर से रिटेल महंगाई के आंकड़ें जारी किए गए थे. 12 जून को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई 2025 में भारत की रिटेल महंगाई घटकर 2.82% पर पहुंच गई, जो छह साल का सबसे निचला स्तर है. इससे पहले मार्च 2019 में यह 2.86% थी. खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार कमी के कारण रिटेल महंगाई में नरमी आई है. अप्रैल 2025 में रिटेल महंगाई 3.16% थी, जबकि मार्च में यह 3.34% रही, जो 67 महीने का सबसे निचला स्तर था. फरवरी से रिटेल महंगाई RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है.
कैसे मापी जाती है महंगाई?

रिटेल और थोक महंगाई को मापने के लिए अलग-अलग उत्पादों को आधार बनाया जाता है. महंगाई मापने हेतु विभिन्न आइटम्स को शामिल किया जाता है. उदाहरण के लिए, थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जैसे खाद्य पदार्थों की 22.62%, और फ्यूल व ऊर्जा की 13.15% होती है. दूसरी ओर, रिटेल महंगाई में खाद्य पदार्थों और उत्पादों की हिस्सेदारी 45.86%, आवास की 10.07%, और फ्यूल सहित अन्य आइटम्स की भी भागीदारी शामिल होती है.

खुदरा महंगाई दर के आंकड़े कैसे रहे?
मई 2025 में खुदरा महंगाई दर 6 साल के निचले स्तर पर आ चुका है. मई में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) घटकर 2.82% पर रहा, जो अप्रैल में 3.16% पर था. हालांकि मई में रिटेल महगाई के 2.95% पर रहने का अनुमान लगाया गया था. यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के मिड प्वाइंट से नीचे रही है. खाद्य महंगाई, जिसका कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में महत्वपूर्ण योगदान है, लगातार तीन महीनों से 3% से नीचे बनी हुई है.

फरवरी 2019 के बाद यह साल-दर-साल सबसे कम महंगाई है. अक्टूबर में CPI 14 महीने के उच्च स्तर 6.21% पर पहुंच गई थी. मई में खाद्य महंगाई महीने दर महीने 1.78% से घटकर 0.99% पर आ गई है. आरबीआई ने 6 जून को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को पहले के 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है.

बीते महीने खाद्य वस्तुओं में थोक महंगाई दर कम होकर 1.72 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 2.55 प्रतिशत थी। यह ट्रेंड दिखाता है कि देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आ रही है.  खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में सब्जियों की महंगाई दर मई में घटकर -21.62 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में -18.26 प्रतिशत थी. 

मई महीने में दालों में महंगाई दर -10.41 प्रतिशत रही, जबकि गेहूं की महंगाई दर 5.75 प्रतिशत रही. अंडे, मांस और मछली की महंगाई दर अप्रैल में -0.29 प्रतिशत से घटकर मई में -1.01 प्रतिशत रह गई. आलू और प्याज की महंगाई दर क्रमशः -29.42 प्रतिशत और -14.41 प्रतिशत रही.  मई में ईंधन और ऊर्जा पर महंगाई दर (-)2.27 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में (-) 2.18 प्रतिशत थी.  

प्राथमिक वस्तुओं के लिए महंगाई दर मई में कम होकर (-) 2.02 प्रतिशत रह गई है, जो कि अप्रैल में (-) 1.44 प्रतिशत थी. डब्ल्यूपीआई मुख्य महंगाई दर, जिसमें फूड और फ्यूल नहीं शामिल होता है, घटकर 0.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 1.5 प्रतिशत थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर महंगाई दर मई में 2.04 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में 2.62 प्रतिशत थी. 

 

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