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व्ही मित्र ऐप: बिजली चोरों को पकड़वाएं, 50,000 रुपये तक का पाएं इनाम

छिंदवाड़ा: म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड छिंदवाड़ा के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं को पारदर्शी, जिम्मेदार और सहभागितापूर्ण सेवाएँ प्रदान करने की दिशा में मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने एक अभिनव पहल की है-“सोशल ऑडिट” प्रणाली और “व्ही-मित्र” ऐप का शुभारंभ। इसका उद्देश्य बिजली वितरण व्यवस्था को जन-सहभागिता के माध्यम से अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है।

क्या है सोशल ऑडिट? – सोशल ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें समाज खुद सार्वजनिक या निजी योजनाओं और सेवाओं की निगरानी करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पारदर्शी और उचित ढंग से लागू हो रही हैं। यह “जनता का ऑडिट, जनता द्वारा, जनता के लिए” के सिद्धांत पर आधारित है।

विद्युत वितरण में सोशल ऑडिट की आवश्यकता क्यों? –

1. बिजली चोरी और मीटर टैम्परिंग पर रोक- सोशल ऑडिट से नागरिक संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं, जिससे समय पर कार्रवाई संभव होती है।

2. जन सहभागिता को प्रोत्साहन- उपभोक्ता केवल सेवा प्राप्तकर्ता नहीं, बल्कि अब निगरानीकर्ता भी बनेंगे। इससे जागरूकता और उत्तरदायित्व बढ़ेगा।

3. पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार- शिकायतों का ट्रैकिंग सिस्टम उपभोक्ता और कंपनी दोनों के लिए खुला रहेगा, जिससे विश्वास बढ़ेगा।

4. समस्याओं का समय पर समाधान- ऐप के माध्यम से शिकायतों का त्वरित पंजीकरण और समाधान संभव हो सकेगा।

5. सेवा प्रदाता पर विश्वास की स्थापना- आमजन की भागीदारी से पूर्व क्षेत्र कम्पनी एक उपभोक्ता केन्द्रित और उत्तरदायी संस्था के रूप में उभरेगी।

नागरिकों की भूमिका – बिजली उपयोग पर नजर रखना, अनियमितताओं की रिपोर्ट करना, ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना, अवैध कनेक्शन का विरोध करना, फीडबैक देना और सुधारों की मांग करना इत्यादि।

“व्ही-मित्र” ऐप इसका उद्देश्य नैतिकता और पारदर्शिता बनाए रखना व नागरिक-केन्द्रित सोशल ऑडिट प्लेटफॉर्म बनाना, जो डिजिटल इंडिया और गुड गवर्नेस के सिद्धांतों के अनुरूप है।

ऐप के उद्देश्य- वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, उपभोक्ताओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाना, बिजली चोरी और अनधिकृत कनेक्शनों पर अंकुश, फील्ड स्टाफ की जवाबदेही सुनिश्चित करना, सामुदायिक निगरानी तंत्र विकसित करना आदि।

उपयोगकर्ता वर्ग और भूमिकाएँ-

1. सामान्य जनताः जानकारी देखना, शिकायतें ट्रैक करना।

2. पंजीकृत उपभोक्ताः- शिकायतें दर्ज करना, डेटा देखना, रिवार्ड पाना।

3. नोडल अधिकारी व विजिलेंस टीमेंः जांच और समाधान।

4. मुख्यालय के एडमिन उपयोगकर्ताः डेटा विश्लेषण और उपयोगकर्ता प्रबंधन।

5. कम्युनिटी लीडस, RWA एंव NGO:-जागरूकता फैलाना, सामूहिक शिकायतें भेजना।

“व्ही-मित्र” ऐप के माध्यम से आम जनता किसी भी बिजली अनियमितता संबंधी समस्या की रिपोर्ट करने में सक्षम होती है, जैसे कि उपभोक्ता की भू-निर्देशांक की अनुपलब्धता या गलत होना, गलत मीटर रीडिंग, अतिरिक्त लोड उपयोग, गलत टैरिफ श्रेणी, एक ही परिसर में कई कनेक्शन, मीटर से छेड़छाड़ या बाईपास, दोषपूर्ण मीटर, गलत सोलर मीटर रीडिंग, अनाधिकृत बिजली विस्तार, बिजली चोरी या अवैध कनेक्शन, कंज्यूमर इंडेक्सींग एरर, ट्रांसफार्मर इंडेक्सींग एरर संबंधी विसंगतियाँ व एलटी/एचटी कनेक्शन में गलत एम.एफ. इत्यादि।

उन्होंने बताया कि अब आम जनता बिजली संबंधी किसी भी प्रकार की अनियमितता करने वालो की जानकारी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज कर सकते है। साथ ही जानकारी देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। शिकायत की मॉनीटरिंग एवं समय सीमा में शिकायत पर कार्यवाही की जानकारी ऐप के माध्यम से प्राप्त कर सकते है एवं सही जानकारी देने पर 50,000 रूपये तक का इनाम सीधे बैंक खाते में पा सकते हैं।

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