विक्रम व्यापार मेले में बिके 2000 करोड़ से अधिक के व्हीकल्स, टैक्स में बंपर छूट से नया कीर्तिमान रचा…

उज्जैन
धार्मिक, पर्यटन नगरी उज्जैन में लगातार दूसरे वर्ष लगे विक्रम व्यापार मेले ने नया कीर्तिमान रच डाला है। मेले में 32 दिनों में 27572 वाहन बेच दिए गए हैं, जिससे परिवहन विभाग को रोड टैक्स के रूप में 135 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है, जबकि ग्राहकों को इतने ही रुपयों की छूट मिली है।
गुड़ी पड़वा पर ग्राहकी चमकते देख मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेला अवधि 30 मार्च से बढ़ाकर 9 अप्रैल तक के लिए करवा दी है। उल्लेखनीय है कि शासकीय उज्जैन इंजीनियरिंग कालेज परिसर में लगे विक्रम व्यापार मेले की शुरुआत महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को हुई थी।
मेले में दोपहिया, चार पहिया वाहन बेचने के लिए 150 से अधिक शोरूम खोले गए। लोगों के कार, बाइक खरीदने को सपने को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने रोड टैक्स में पिछले वर्ष की तरह 50 प्रतिशत छूट देने व्यवस्था बनाई। शुरुआत फीकी थी। उसके बाद में इसका रंग चढ़ता चला गया।
मेले से जुड़े कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य
29 मार्च तक 32 दिनों में मेले में से 27572 वाहन (22022 कार और 5550 स्कूटर/ बाइक) बिक गए।
40 दिवसीय पिछले वर्ष लगे विक्रम व्यापार मेले में बिके 23705 वाहन से यह आंकड़ा काफी ज्यादा है।
135 करोड़ रुपये की आय अब तक सरकार को हुई।
100 करोड़ रुपये की आय पिछले वर्ष हुई थी। गुड़ी पड़वा पर 1400 से अधिक
वाहन बिके आटो डीलर एसोसिएशन के अनुसार दिनभर का आंकड़ा
रविवार, गुड़ी पड़वा के शुभ मुहूर्त वाले दिन मेले में वाहन खरीदी के लिए जबर्दस्त रुझान देखने को मिला।
1200 से अधिक कारें और 200 से अधिक बाइक बिकीं। छुट्टी के दिन भी पंजीयन की प्रक्रिया परिवहन विभाग ने की।
ग्वालियर मेले का रिकार्ड तोड़ा उज्जैन के विक्रम व्यापार मेले ने इस वर्ष भी ग्वालियर मेले का रिकार्ड तोड़ दिया है।
इस वर्ष ग्वालियर में 15 जनवरी से 25 फरवरी तक लगे 40 दिवसीय व्यापार मेले में 29650 वाहन बिके थे और सरकार को 106 करोड़ 97 लाख रुपये का राजस्व मिला था।
तुलनात्मक रूप से देखें तो इस वर्ष उज्जैन के विक्रम व्यापार मेले में 32 दिन में 27572 वाहन बिक चुके हैं और सरकार को उज्जैन से 135 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
अभी मेला 10 दिन और लगना है और ये दिन चैत्र नवरात्रि के हैं, जो वाहन खरीदारी के लिए शुभ माने गए हैं।
यह भी जानिए
मेला लगाने के लिए जमीन आवंटित करने से नगर निगम को चार करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई है। मेले में कुछ दुकानें हस्तशिल्प एवं इलेक्ट्रिक उत्पादों की भी लगी हैं। समय-समय पर मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते रहे हैं।