मध्य प्रदेशराज्य

हाईकोर्ट ने स्वीकारा बीजामंडल मंदिर घोषित करने और पूजा की अनुमति का मामला

 विदिशा

 विदिशा शहर के किलेअंदर स्थित बीजामंडल (विजय मंदिर) को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट ने विदिशा निवासी शुभम वर्मा सहित पांच याचिकाकर्ताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया है। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से इस संबंध में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं में शामिल विदिशा निवासी शुभम वर्मा ने रविवार को यह जानकारी दी है। बीजामंडल को लेकर की जा रही मांगों के संबंध में शुभम ने बताया कि बीजामंडल के आगे मंदिर लिखे जाने और पूजा-अर्चना के लिए हर रोज गेट खोले जाने की मांग की जा रही है। 

20 अगस्त को याचिका की थी दायर, कोर्ट ने किया मंजूर

इसको लेकर 20 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पैरवी कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के अनुसार कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है। आठ सितंबर को याचिका स्वीकृत किए जाने संबंधित पत्र भी प्राप्त हुआ है। शुभम के अनुसार इस मामले में प्रथम याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन है। जबकि स्वयं शुभम द्वितीय याचिकाकर्ता हैं। इसके अलावा राकेश, मनी व राहुल का नाम भी संयुक्त रूप से दायर की गई याचिका में शामिल है। हरिशंकर जैन अधिवक्ता है और अयोध्या राममंदिर के पक्ष में याचिकाकर्ता भी रहे है। काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर दायर की गई याचिका में भी उनका नाम याचिकाकर्ताओं में शामिल है।

पिछले कई वर्षों से गेट खोलने की मांग

शुभम ने बताया कि बीजामंडल को लेकर उनके द्वारा कई बार कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। हर रोज पूजा के लिए गेट खोलने की मांग की गई है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसलिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष से वह बीजामंडल को लेकर अध्ययन करते हुए कई साक्ष्य जुटाए हैं। साक्ष्यों के साथ ही न्यायालय में 118 पेज की याचिका लगाई गई है। दावा है कि 1962 में बीजामंडल मंदिर को तोड़ दिया गया। कई वर्षों तक मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियां थी, जिसे संग्रहालय में रखवा दिया गया है। बीजामंडल मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित हो, इसके लिए न्यायालय की शरण ली गई है।

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