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“सेवा ही सबसे बड़ा धर्म: छात्रा की मदद को आगे आए छिंदवाड़ा के टीआई” दिल छू लेने वाला फैसला लिया”

छिंदवाडा- पुलिस अक्सर कानून-व्यवस्था से जुड़ी सख्ती के लिए जानी जाती है, लेकिन छिंदवाड़ा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की मानवीय छवि को उजागर कर दिया। शहर की एक 12वीं कक्षा की छात्रा की साइकिल सोमवार को एक स्कॉर्पियो वाहन से टकराकर टूट गई। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली छात्रा यही साइकिल रोज़ाना स्कूल आने-जाने के लिए इस्तेमाल करती थी।

घटना के बाद छात्रा मदद की उम्मीद लेकर सिटी कोतवाली पहुंची और टीआई आशीष धुर्वे को पूरी बात बताई। उसने बताया कि अब उसके पास स्कूल जाने का कोई साधन नहीं बचा है। छात्रा की मासूम चिंता और पढ़ाई के प्रति उसकी लगन ने टीआई धुर्वे को झकझोर दिया।

टीआई धुर्वे ने बिना देर किए खुद को उसका अभिभावक समझते हुए एक नई साइकिल दिलवाई, ताकि उसकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए। साइकिल मिलते ही बच्ची के चेहरे पर जो मुस्कान आई, वह मानवीय करुणा की सबसे बड़ी जीत बन गई।

टीआई आशीष धुर्वे ने कहा,

“बच्ची की हालत और उसके शब्दों ने मेरे दिल को छू लिया। वह केवल स्कूल जाना चाहती थी — मैंने बस ये तय किया कि उसकी ये छोटी-सी ज़रूरत पूरी हो जाए, ताकि वह पढ़ाई से वंचित न रह जाए।”

इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि समाज के प्रति संवेदनशीलता की भी जिम्मेदारी निभाती है। छिंदवाड़ा पुलिस का यह कदम न सिर्फ एक छात्रा के लिए सहारा बना, बल्कि समाज में मानवता और भरोसे की मिसाल भी पेश की।

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