“तामिया के छात्रों को मिली नई दिशा: पक्षी दर्शन से आत्मनिर्भरता की उड़ान”

कार्यशाला का विषय था — “पक्षी दर्शन पर आधारित आजीविका”, जिसका उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक एवं रोजगार उन्मुखीकरण को बढ़ावा देना रहा।
कार्यक्रम में भोपाल बर्ड्स संस्था की विषय विशेषज्ञ डॉ. संगीता राजगीर एवं मोहम्मद खालिक ने पक्षियों के पर्यावरण में महत्व, उनके संरक्षण एवं पर्यटन के माध्यम से आजीविका के अवसरों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से तामिया क्षेत्र में पाए जाने वाले पक्षियों, विशेषकर गिद्धों के संरक्षण तथा उनसे जुड़े पर्यटन की संभावनाओं पर जानकारी दी।
कार्यशाला के दौरान डॉ. संगीता राजगीर ने स्थानीय समुदाय के छात्रों एवं नागरिकों को पक्षी दर्शन द्वारा आजीविका प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित किया तथा भविष्य में इस विषय पर और कार्यशालाएँ आयोजित करने की घोषणा की।
ट्राइबस्केप्स, तामिया के प्रतिनिधि पवन श्रीवास्तव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ बर्ड वॉचिंग एक्टिविटी के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं, बल्कि अपने व्यक्तित्व विकास में भी नई दिशा प्राप्त कर सकते हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य विजय भी उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यशालाएँ आयोजित करने की बात कही।
कार्यक्रम में लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया तथा महाविद्यालय का संपूर्ण शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ उपस्थित रहा।



