श्री चौरागढ़ पंच कमेटी पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग में अर्पित करेगा त्रिशूल

छिंदवाड़ा जिले में शिवरात्रि का महापर्व अलग ही स्थान रखता आया है. क्योंकि प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र बिन्दु जो कि श्री चौरागढ़ बाबा के महादेव मेला भूराभगत, पचमढ़ी देश प्रदेश में अलग स्थान रखता है. महादेव जी को त्रिशूल अर्पित करने की परम्परा वर्षों से चली आ रही हैं उसी कड़ी अपनी त्रिशूल का अलग विशेष स्थान रखने वाली संस्था जो कि 55 वर्षों से अधिक समय से त्रिशूल श्री चौरागढ़ पंच कमेटी , श्री बड़ी माता, श्री राम मंदिर छोटी बाजार छिंदवाड़ा के द्वारा त्रिशूल भेंट किया जा रहा है। जिसमें संस्था के वरिष्ठ संरक्षक सतीश दुबे लाला ने बताया समिति के द्वारा पीतल तांबा, जस्ता , निकल , चांदी , सोने एवम् स्टील का त्रिशूल अर्पित किए जा चुके हैं. इसी परंपरा में अभी वर्तमान में प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी 151 किलो स्टेशनेल स्टील का त्रिशूल बाबा महादेव को अर्पित किया जा रहा हैं. जिसमें समिति के भक्तगण मिल कर यह त्रिशूल को महादेव की दुर्गम पहाड़ियों को ले कर चढ़ाते हैं. महादेव को अर्पित करने के पश्चात् यह त्रिशूल बारह ज्योतिर्लिंगों की कड़ियों को जोड़ चुका है. जिसमें प्रतिवर्ष त्रिशूल 2013 से भेंट करते आ रहा है. 2013 में महाकालेश्वर , 2014 ओंकारेश्वर , 2015 त्रंबकेश्वर , 2016 सोमनाथ , 2017 नागेश्वर , 2018 केदारनाथ , 2019 रामेश्वरम , 2020 मल्लिकार्जुन , 2021 काशी विश्वनाथ , 2022 बाबा वैद्यनाथ , 2023 घृष्णेश्वर , 2024 भीमाशंकर ज्योतिर्लिंगों में त्रिशूल भेंट कर संकल्प पूर्ण कर चुका है जो कि छिंदवाड़ा जिले के भक्तगणों को ज्योतिर्लिंग में दर्शन दे कर अपने पन होने का गौरांवित होने का एहसास महसूस करवाता हैं. हमारे त्रिशूलों कि यह श्रृंखला में इस वर्ष 2025 का यह त्रिशूल नेपाल के पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग में अर्पित किया जाएगा. जिसमें महादेव त्रिशूल यात्रा 22 फरवरी को दोपहर 12 बजे गाजे बाजे डीजे की धुन में विशाल जुलूस के माध्यम से बस स्टैंड ले जाया जाएगा. वह से समस्त भक्तगण बस के माध्यम से भूराभगत से चौरागढ़ महादेव की त्रिशूल यात्रा अपने कंधों में ले कर आरंभ करेंगे. समिति ने समस्त भक्तगणों को इस त्रिशूल यात्रा सम्मिलित होने का आवाहन किया हैं. साथ ही समिति के सदस्यों ने इस परंपरा को भोले के भक्तों का आशीर्वाद स्वरूप ही बताया जो कि कर्ता वही हम सहयोगी सेवादार बन कर त्रिशूल की अनूठी संस्कृति का निर्वाहन कर रहे हैं. आगामी अप्रैल माह के समीप पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंग त्रिशूल अर्पित करने के लिए छोटी बाज़ार की युवा टीम जत्था नेपाल त्रिशूल भेंट करने के लिए रवाना होगी.