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कृषि को उन्नत बनाने के लिए वैज्ञानिक-किसान संवाद जरूरी: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि विकसित राष्ट्र की दिशा में कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए 'एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम' के मंत्र के साथ एक व्यापक जन आंदोलन शुरू किया गया है। उन्होंने इस कार्यक्रम को एक "महाआंदोलन" करार दिया, जिसमें वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधे संवाद और साझेदारी को प्राथमिकता दी जा रही है। शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बातचीत में कहा कि कृषि मंत्री, कृषि विभाग के अधिकारी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिक, उन्नतशील किसान और राज्य सरकारों के कृषि विभाग, सभी एक टीम के रूप में मिलकर कार्य कर रहे हैं। यह टीम भावना ही इस आंदोलन की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि यह महाआंदोलन खेती को बेहतर बनाने, किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादन लागत को घटाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और किसान साथ बैठकर चर्चा कर रहे हैं कि खेती को कैसे अधिक उन्नत और लाभकारी बनाया जाए।
कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.4 प्रतिशत रही है। यह हमारे मेहनती किसानों की मेहनत और सरकार की नीतिगत पहलों का परिणाम है। मैं अपने सभी किसानों को प्रणाम करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में हुए नीतिगत सुधारों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन सुधारों का सीधा लाभ अब किसानों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि वह हरियाणा के पानीपत में किसानों से सीधे संवाद करेंगे। उन्होंने राज्य के किसानों से इस महायज्ञ में शामिल होकर उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और अपनी आय बढ़ाने की अपील की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित खेती का संकल्प देश के प्रत्येक कोने और प्रत्येक गांव तक पहुंच रहा है। किसानों का जीवन बदलने वाले इस अभियान से जन-जन जुड़ रहा है।

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