मध्य प्रदेशराज्य

रीवा में स्कूल को बना डाला ‘ गोदाम’, वीडियो हुआ वायरल तो डीएम ने प्राचार्य को किया निलंबित

रीवा
मध्य प्रदेश के रीवा में स्कूल प्रबंधक की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां एक शासकीय स्कूल को प्याज के गोदाम के रूप में तब्दील कर दिया गया. कमरों के अंदर प्याज से भरी हुई बोरियां रखी गई हैं. स्कूल के अंदर प्याज के भण्डारण का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन सकते में आ गया. कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से स्कूल के हेडमास्टर को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने जिले के अन्य स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किया है.

स्कूल के हेडमास्टर ने किया कारनामा

मामला गोविंदगढ़ क्षेत्र स्थित ओढ़की खुर्द शासकीय प्राथमिक पाठशाला का है. छुट्टियों के चलते स्कूल पूरी तरह से खाली है. ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने के बाद 15 जून से स्कूल फिर से खुलेंगे. मगर यहां पर पदस्थ हेडमास्टर नरेन्द्र पाण्डेय ने एक गजब का कारनामा कर दिया. हेडमास्टर ने शासकीय स्कूल को पूरी तरह से प्याज के गोदाम में तब्दील कर दिया. इस बात की भनक ग्रामीण और बच्चों के अभिभावकों को लगी तो वो आक्रोशित हो गए. उन्होंने कलेक्टर को शिकायती पत्र लिखकर स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

स्कूल के प्रिंसिपल को किया गया सस्पेंड

किसी ने स्कूल का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया. वीडियो कलेक्टर प्रतिभा पाल के संज्ञान में आया तो वो भी हेडमास्टर की इस करतूत को देखकर हैरान हो गईं. इसके अलावा उन्हें मामले की शिकायत भी मिली थी. उन्होंने तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए शासकीय स्कूल को निजी उपयोग करने पर स्कूल के हेडमास्टर नरेंद्र पांडेय को दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. बताया जा रहा है कि हेडमास्टर द्वारा पिछले कई दिनों से स्कूल में प्याज के भंडारण किया गया था.

कलेक्टर ने जिले के अन्य स्कूलों को दिया निर्देश

मामले को लेकर कलेक्टर प्रतिभा पाल का कहना है कि "उन्हें शिकायत मिली थी कि रीवा ब्लाक स्थित ओढ़की खुर्द प्राथमिक पाठशाला में किसी ने प्याज की बोरियों का भंडारण किया है. प्राथमिक जांच में ये शिकायत सही पाई गई. हेडमास्टर नरेन्द्र पाण्डेय की जवाबदेही थी की विद्यालय की कक्षाओं का उपयोग केवल पठन-पाठन के लिए हो.

ऐसा न पाए जाने पर हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया. साथ ही अन्य स्कूलों के प्रिंसिपल को भी निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल कैंपस केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो. अगर कैंपस में कोई दूसरी गतिविधि होते हुए पाई जाएगी तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी."

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