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हिमाचल में हुई भारी तबाही पर राहुल गांधी ने जताया दुख, कहा- मिलकर करना होगा इस आपदा का सामना

हिमाचल प्रदेश 
हिमाचल प्रदेश में 24 जून को मॉनसून ने दस्तक दी, लेकिन इसके एक ही दिन बाद, 25 जून को प्रदेश के कुल्लू और कांगड़ा जिलों में मॉनसून ने अपना विकराल रूप दिखा दिया। भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने इन जिलों में भारी तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का खासा नुकसान हुआ है।

बुधवार, 25 जून को हिमाचल प्रदेश के पांच अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिसके परिणामस्वरूप अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) आ गई। इस भयानक बाढ़ में कई घर, गाड़ियां, और पुल बह गए। चौबीस घंटे की लगातार बारिश ने पूरे प्रदेश को अस्त-व्यस्त कर दिया। अब तक इस आपदा में 2 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 9 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि मौसम विभाग ने 28 और 29 जून को भी ऐसी ही भारी बारिश का अनुमान जताया है और प्रदेश के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है।

कुल्लू जिले के सैंज इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां एक पिता और बेटी समेत एक अन्य महिला बाढ़ में बह गईं। वहीं, धर्मशाला के खनियारा में स्थित मगूणी खड्ड में एक हाइड्रो प्रोजेक्ट के लगभग 15-20 मजदूरों के बहने की प्रारंभिक सूचना मिली थी। हालांकि, बाद में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कुल 8 लोग ही बाढ़ की चपेट में आए थे, जिनमें से कांगड़ा के डीसी हेमराज बेरवा के अनुसार अब तक 2 शव बरामद कर लिए गए हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि मॉनसून ने अभी-अभी ही प्रदेश में प्रवेश किया है, और इतनी जल्दी इतना बड़ा नुकसान चिंता का विषय है।

बादल फटने और तबाही का मंजर:
 कुल्लू जिले के सैंज, बंजार, तीर्थन, मनाली के सोलांगनाला और मणिकर्ण घाटी में पहाड़ों पर बादल फटने से नदियों और नालों में अचानक उफान आ गया. सैंज में जीवा नाले में आई बाढ़ इतनी प्रचंड थी कि हाइड्रो प्रोजेक्ट के रहने वाले शेड पूरी तरह से बह गए. इसके अलावा, एक मकान भी सैलाब की चपेट में आ गया, जिसमें एक पिता, उनकी बेटी और उनकी रिश्तेदार बह गईं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. हालांकि, इस दौरान परिवार के छोटे भाई और पिता बाल-बाल बच गए, यह एक राहत की बात है.
 
राहुल गांधी ने जताया दुख:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ से हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश से हुए जान-माल के नुक़सान की ख़बर बेहद दुखद है। कई लोग अब भी लापता हैं। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और लापता लोगों के सकुशल लौटने की आशा करता हूं। प्रशासन और राहत दल पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील है कि राहत और बचाव कार्यों में हर संभव मदद करें। हमें मिलकर इस आपदा का सामना करना है।

करोड़ों के नुकसान का अनुमान:
कुल्लू जिले में बुधवार को आई इस बाढ़ से लगभग 50-60 लाख रुपये के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है। हालांकि, कुल्लू के डीसी तारुल रविश ने बताया कि यह केवल शुरुआती आकलन है और वास्तविक नुकसान इससे कहीं अधिक हो सकता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सभी सैलानी सुरक्षित हैं, लेकिन 27 और 28 जून को फिर से बारिश का अलर्ट जारी होने के कारण पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

 

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