लोक निर्माण विभाग का एक जुलाई को वृहद वृक्षारोपण अभियान

एक दिन में लगाये जायेंगे एक लाख पौधे
भोपाल
“हरित मध्यप्रदेश’’की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा मंत्री श्री राकेश सिंह के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक पहल के तहत एक जुलाई को पूरे प्रदेश में एक साथ एक लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। अभियान का शुभारंभ भोपाल के लिंक रोड क्रमांक-एक स्थित चिनार उद्यान में सुबह 10 बजे लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह द्वारा पौधारोपण कर होगी।
मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि “हरित मध्यप्रदेश" की कल्पना को साकार करने के लिए लोक निर्माण विभाग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एक दिन में एक लाख पौधे लगाकर हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहे हैं। यह सिर्फ पौधरोपण नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य देने का संकल्प है।”
इस प्रदेशव्यापी अभियान के अंतर्गत सभी जिलों में विभागीय विश्रामगृहों, कार्यालय परिसरों, सड़क किनारे की भूमि और अन्य चिन्हित स्थलों पर पौधरोपण किया जाएगा। अभियान में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अभियंता, कर्मचारी तथा आम नागरिक सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
जिलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे पूरे प्रदेश में एक साथ समन्वित रूप से यह अभियान संचालित हो सके। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूर्व तैयारी के अंतर्गत सभी जिलों में उपयुक्त भूमि की पहचान, गड्ढों की खुदाई, पानी की व्यवस्था और पौधों की सुरक्षा से संबंधित सभी काम पहले ही पूरे कर लिए गए हैं। नर्सरियों से प्राप्त नीम, पीपल, अर्जुन, आम, अमरूद, कचनार, गुलमोहर जैसे छायादार और फलदार पौधों को प्राथमिकता दी गई है। इन पौधों का चयन स्थानीय जलवायु के अनुसार किया गया है।
विभाग द्वारा केवल पौधे लगाने तक ही सीमित नहीं रहते हुएपौधों के संरक्षण और नियमित देखरेख की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक स्थान पर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को पौधों की सिंचाई, सुरक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभागीय पोर्टल और मोबाइल ऐप के माध्यम से निगरानी प्रणाली भी तैयार की गई है, जिसके माध्यम से पौधों की स्थिति की जिलावार रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
अभियान लोक निर्माण विभाग की मूल भावना “लोक निर्माण से लोक कल्याण” का जीवंत उदाहरण है। यह पहल एकदिनी नहीं है, बल्कि हर वर्ष नियमित रूप से आयोजित की जाएगी, जिससे विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन और हरियाली को भी समान महत्व मिल सके।