छिंदवाड़ा में ज़हरीली दवा का कहर! एक और बच्ची की मौत, कुल मृतक संख्या हुई 10

छिंदवाड़ा ज़िले में किडनी इन्फेक्शन से बच्चों की हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को एक और बच्ची की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या अब 10 तक पहुँच चुकी है।
मृत बच्ची की पहचान योगिता ठाकरे के रूप में हुई है, जो परासिया क्षेत्र के बढ़कुही की रहने वाली थी। बच्ची का नागपुर में पिछले एक सप्ताह से इलाज चल रहा था, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने इसकी पुष्टि की है।
कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में उपयोग की गई कफ सिरप को शासन द्वारा पूर्णतः प्रतिबंधित (बैन) कर दिया गया है। यह सिरप अब बाजार में कहीं भी नहीं बिकेगा। कलेक्टर ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने इसको लेकर एडवायजरी जारी की है, जिसमें खासकर बच्चों को खांसी की दवा देने में सतर्कता बरतने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि जिन बच्चों की मृत्यु हुई है, उनमें से चार की किडनी बायोप्सी करवाई गई थी, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि उनकी किडनी में गंभीर संक्रमण था। जांच में यह भी सामने आया है कि किडनी की यह स्थिति किसी टॉक्सिक तत्व (टॉक्सिन) के कारण उत्पन्न हुई थी, जो संभवतः सिरप से जुड़ा हुआ है।
कलेक्टर हरेंद्र नारायण ने यह भी स्पष्ट किया कि पोस्टमार्टम (PM) केवल उन्हीं मामलों में किया जाता है जहाँ मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होता। इन मामलों में किडनी बायोप्सी के जरिए कारण की पुष्टि हो चुकी है।
शासन इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रहा है और चिकित्सकों के साथ नियमित बैठकें कर रहा है ताकि और बच्चों की जान बचाई जा सके ।



