लाइफस्टाइल

पाकिस्‍तान साइबर हमले की ‘हवा’ बनाने में जुटा, जिसका कोई फायदा नहीं

नई दिल्ली

भारत से युद्ध की आशंका में डरा पाकिस्‍तान दर-दर की ठोंकरे खाकर दुनिया के अन्‍य देशों में मदद के लिए ग‍िड़‍डिड़ा रहा है। धमकी तो वह न्‍यूक्लियर हमले की देता है, लेकिन बचकानी हरकत के रूप में भारत पर साइबर हमले कर रहा है। इन साइबर हमलों में वह पहलगाम आतंकी हमले से अपना पल्‍ला झाड़ रहा है। भारत को धमकियां दे रहा है। हकीकत यह है कि पाकिस्‍तान ऐसी ‘हवा’ बनाने में जुटा है, जिसका कोई फायदा उसे नहीं हुआ है। पड़ोसी की ऐसी हरकतों पर देश की सरकार रिएक्‍ट करना तक सही नहीं समझती। लेकिन हम और आप इसी बहाने साइबर अटैक की गुत्‍थी को समझते हैं।

क्‍या होते हैं साइबर अटैक
एक्‍सपर्ट के अनुसार, साइबर अटैक में किसी देश के नेटवर्क, उसके कंप्‍यूटर सिस्‍टम और डिजिटल डिवाइस को टार्गेट किया जाता है। उन तक पहुंचने की कोशिश की जाती है और सिस्‍टम में स्‍टोर डेटा, ऐप्‍स या बाकी चीजों को चुराने का प्रयास होता है। कई बार सिस्‍टम में मौजूद डेटा को बर्बाद करने के लिए भी ऐसे अटैक किए जाते हैं। साइबर हमला करने वाले किसी भी देश से हो सकते हैं। वो सरकारी वेबसाइटों से लेकर प्राइवेट कंपनियों की वेबसाइटों को निशाना बना सकते हैं।

क्‍याें किया जाता है साइबर अटैक
एक्‍सपर्ट के अनुसार, साइबर अटैक के पीछे तीन तरह की मानसिकताएं होती हैं। यह क्र‍िमिनल एक्टिविटी के लिए किया जाता है। राजनीतिक वजह या फ‍िर पर्सनल वजहों से भी साइबर अटैक होता है। क्र‍िमिनल एक्टिवि‍टी में पैसे चुराने या बैंक अकाउंट हैक करने की कोशिश होती है। या फ‍िर डेटा को चुराकर पैसों के लिए उसे डार्क वेब पर बेचा जाता है। लोगों से उनकी जानकारी बदलने पैसे भी ऐंठे जाते हैं।

जो साइबर अटैक पर्सनल वजहों से होता है, उसमें कई बार कंपनियों के पूर्व कर्मचारी ही ऑफ‍िसेज को टार्गेट करते हैं। वह संवेदनशील डेटा में सेंध लगाते हैं। वहीं, पॉलिटिकल कारणों में साइबर वॉर जैसी चीज को अंजाम दिया जाता है। इसमें एक देश अपने दुश्‍मन देशों की सरकारी एजेंसियों से जुड़ी वेबसाइटों को टार्गेट करता है। पाकिस्‍तान भी इन दिनों यही करने की कोशिश में जुटा है। इसका कोई खास फायदा उसे होता हुआ नहीं दिख रहा।

किसे टार्गेट करता है साइबर अटैक
साइबर अटैक में मुख्‍य तौर पर एक कंप्‍यूटर नेटवर्क को टार्गेट किया जाता है। नेटवर्क में सेंध लगाने का मकसद होता है पैसा चुराना, फाइनेंशल डेटा चुराना, क्‍लाइंट लिस्‍ट पर कब्‍जा करना, कस्‍टमर डेटा चुराना जिसमें ग्राहकों की पर्सनल जानकारी भी शामिल होती है। इसके साथ ही इमेल अड्रेस, लॉगइन क्रेडेंशियल को हथियाने की कोशिश होती है। कई मामलों में हमलवार कुछ भी चोरी नहीं करते, बल्कि सिस्‍टम को बाधित करके गलत सूचनाएं फैलाते हैं जैसा कि मौजूदा केस में हुआ है। कई हैकर्स वेबसाइटों के होम पेज को टार्गेट करके वहां अपना मैसेज दिखाते हैं।

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