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अब पुतिन भी BRICS शिखर सम्मेलन में नहीं होंगे शामिल, चीन और रूस ने क्या बताई वजह?

मॉस्को 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से भाग नहीं लेंगे। क्रेमलिन ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के कारण लिया गया है। इसके बजाय, पुतिन 6-7 जुलाई को रियो डी जनेरियो में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लेंगे।

क्रेमलिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने संवाददाताओं को बताया, "राष्ट्रपति मुख्य आयोजनों में वीडियो लिंक के माध्यम से भाग लेंगे। यह निर्णय आईसीसी की आवश्यकताओं के संदर्भ में कुछ कठिनाइयों के कारण लिया गया है।" उन्होंने यह भी कहा कि ब्राजील सरकार इस संदर्भ में स्पष्ट रुख अपनाने में असमर्थ रही, जिसके कारण पुतिन की व्यक्तिगत उपस्थिति संभव नहीं हो सकी। रूस का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

आईसीसी ने मार्च 2023 में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसमें पुतिन पर 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद यूक्रेनी बच्चों के अवैध निर्वासन का आरोप लगाया गया है। रूस ने इन युद्ध अपराधों के आरोपों का खंडन किया है और क्रेमलिन ने इस वारंट को अमान्य करार दिया है। रूस आईसीसी की स्थापना संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। हालांकि, यह वारंट पुतिन के लिए उन देशों की यात्रा को जोखिम भरा बनाता है जो आईसीसी संधि के हस्ताक्षरकर्ता हैं।
आईसीसी का सदस्य है ब्राजील

ब्राजील आईसीसी का सदस्य है और रोम संनियम का हस्ताक्षरकर्ता है। इस लिहाज से ब्राजील पुतिन के देश में प्रवेश करने पर उनकी गिरफ्तारी के लिए बाध्य होगा। उशाकोव ने कहा, "ब्राजील सरकार ने ऐसी कोई गारंटी नहीं दी जिससे हमारे राष्ट्रपति की भागीदारी संभव हो सके।" पुतिन ने पहले भी आईसीसी वारंट के कारण सावधानी बरती है। 2023 में, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने से परहेज किया था, जो एक अन्य आईसीसी सदस्य देश है। हालांकि, पिछले साल उन्होंने मंगोलिया की यात्रा की थी, जो आईसीसी का सदस्य होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रहा, जिसके लिए मंगोलिया को आईसीसी और यूरोपीय संघ की आलोचना का सामना करना पड़ा।

पुतिन नियमित रूप से ब्रिक्स समूह को पश्चिमी प्रभुत्व के खिलाफ एक जवाबी शक्ति के रूप में प्रचारित करते हैं। ब्रिक्स का नाम इसके संस्थापक सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत और चीन से लिया गया है। इस समूह में अब दक्षिण अफ्रीका सहित 11 सदस्य शामिल हैं, और इसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत करना है।
ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे शी जिनपिंग

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अलावा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी अगले महीने की शुरूआत में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील की यात्रा नहीं करेंगे। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन मीडिया की खबर से पता चलता है कि शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने की योजना बना रहे हैं। यदि इसकी पुष्टि हो जाती है तो यह एक दशक से अधिक समय में पहला मौका होगा जब वह इस बैठक में भाग नहीं लेंगे।

हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने बुधवार को अपनी खबर में कहा कि इसके बजाय, चीनी प्रधानमंत्री और शी के विश्वासपात्र ली क्विंग शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। बीजिंग में बुधवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने शी के फैसले के बारे में खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन की उपस्थिति के बारे में जानकारी उचित समय पर जारी की जाएगी।

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