मध्य प्रदेशराज्य

पीजी में आए अंक के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जा रहा , ऐसा करके राज्य शासन ने शिक्षा के स्तर से समझौता किया : हाईकोर्ट

ग्वालियर

पहले से काम कर रहे अतिथि विद्वानों को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उच्च न्यायालय ने अतिथि विद्वानों के चयन के लिए अक्टूबर 2023 को जारी सर्कुलर को लेकर बड़ा फैसला दिया है. इसमें स्पष्ट किया गया कि अतिथि विद्वानों की मेरिट का निर्धारण 17 दिसंबर 2019 को जारी सर्कुलर के प्रावधान के अनुसार किया जाएगा. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने 2023 के सर्कुलर में कैटेगरी व्यवस्था को शामिल करने का आदेश दिया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
2019 के सर्कुलर में क्या था?

2019 के सर्कुलर में अतिथि विद्वानों की योग्यता को चार कैटेगरी में विभाजित किया गया हैं, जिसमें सी-1 वाला अतिथि विद्वान सबसे ज्यादा योग्य (पीएचडी विद नेट सिलेक्ट) माना जाता है. सी-4 वाला अतिथि विद्वान (पीजी, किसी भी विषय में) अंतिम पायदान पर होता है. 2023 के सर्कुलर में फाल आउट संबंधी प्रावधान को यथावत रखा गया है. इसके अनुसार, नियमित नियुक्ति होने की स्थिति में कम शैक्षणिक योग्यता वाला अतिथि शिक्षक (सी-4) ही हटाया जाएगा.
याचिकाकर्ता ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता डॉ दिनेश कुमार चतुर्वेदी व अन्य की ओर से बताया गया कि 2023 के सर्कुलर में कैटेगरी व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. अब केवल पीजी में आए अंक के आधार पर मेरिट का निर्धारण किया जा रहा है. ऐसा करके राज्य शासन ने शिक्षा के स्तर से समझौता किया है.
कोर्ट ने क्या कहा?

दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शासन को 2023 में जारी सर्कुलर के प्रावधानों को संशोधित कर प्रतिभागी के फॉल आउट का निर्धारण कैटेगरी के माध्यम से करने का निर्देश दिया है कि जब तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक दिसंबर 2019 के सर्कुलर में प्रस्तावित कैटेगरी का पालन करने का निर्देश दिया गया है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि उक्त आदेश आदेश 5 अक्टूबर 2023 के पूर्व में नियुक्त या कार्यरत अतिथि विद्वानों पर ही बंधनकारी होगा.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button