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कमल हासन, आयुष्मान खुराना ऑस्कर्स एकेडमी के मेंबर बनेंगे … ऐसे मिलती है मेंबरशिप

देश के सबसे दमदार एक्टर्स में गिने जाने वाले कमल हासन और आयुष्मान खुराना के फैन्स के लिए एक बड़ी खबर है. ऑस्कर अवॉर्ड्स देने वाली एकेडमी ने इन दोनों को मेंबरशिप के लिए इनविटेशन भेजा है. कमल के साथ-साथ इस मेंबरशिप के लिए भारत से आयुष्मान खुराना को भी इनविटेशन भेजा गया है. जहां कमल और आयुष्मान को एकेडमी ने अपनी एक्टर्स ब्रांच में मेंबरशिप का इनवाइट भेजा है, वहीं फिल्ममेकर पायल कपाड़िया को राइटर्स ब्रांच में ये इनविटेशन मिला है. 

भारतीय सिनेमा से जुड़े अनुराग कश्यप, अनुपम खेर, विद्या बालन, जोया अख्तर, तमिल एक्टर सूर्या जैसे नामों को बीते सालों में एकेडमी की मेंबरशिप का इनविटेशन मिल चुका है. सिनेमा की दुनिया में इस मेंबरशिप को बहुत सम्मान की नजरों से देखा जाता है. इसका मेंबरशिप से क्या होता है, मेंबरशिप मिलती कैसे है और इसका इतना सम्मान क्यों है? चलिए बताते हैं… 

कैसे मिलती है एकेडमी की मेंबरशिप?  
इतना तो आप जानते ही होंगे कि ऑस्कर अवॉर्ड्स को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित सिनेमा सम्मान कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पीछे का प्रोसेस तमाम फिल्म इंडस्ट्रीज के दूसरे फिल्म अवॉर्ड्स के मुकाबले काफी पारदर्शी है. ऑस्कर उस ट्रॉफी का नाम है जो अवॉर्ड के रूप में मिलती है और ये अवॉर्ड देने का काम करती है 'एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज'. जिसे अंग्रेजी में सीधा 'द एकेडमी' या आम बोलचाल में सिर्फ 'एकेडमी' भी कहा जाता है. 

इस एकेडमी में फिल्ममेकिंग की दुनिया से संबंधित अलग-अलग कुल 19 ब्रांच हैं. जैसे- एक्टर्स, डायरेक्टर्स, राइटर्स, म्यूजिक और सिनेमेटोग्राफी वगैरह. दुनिया भर में सिनेमा से जुड़े लोग एकेडमी की अलग-अलग ब्रांच के सदस्य हैं और वो अपनी ब्रांच में मिलने वाले ऑस्कर नॉमिनेशन के लिए वोट करते हैं. सीधा मतलब ये है कि एकेडमी की एक्टर्स ब्रांच के लोग, बेस्ट एक्टर के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन पाने वालों में से, वोटिंग के जरिए एक विनर चुनते हैं. 

इस प्रोसेस की वजह से ही ऑस्कर को बाकी फिल्म अवॉर्ड्स के मुकाबले थोड़ा ज्यादा सम्मान दिया जाता है क्योंकि टेक्निकली दुनिया भर के एक्टर्स मिल के हर साल का बेस्ट एक्टर चुनते हैं, जो ऑस्कर ट्रॉफी उठाता है. और हर ब्रांच के सदस्य मिलकर साल की बेस्ट पिक्चर के लिए वोट करते हैं. 

इस पूरे प्रोसेस की क्रेडिबिलिटी का आधार एकेडमी की मेंबरशिप वाले सिस्टम से भी आता है. दरअसल, ऑस्कर अवॉर्ड्स देने वाली इस एकेडमी का सदस्य हर कोई नहीं बन सकता और ना ही इसके लिए कोई एप्लिकेशन प्रोसेस है. कोई व्यक्ति तभी एकेडमी का मेंबर बन सकता है जब उसकी ब्रांच में पहले से मेंबरशिप पा चुके दो लोग उसे स्पॉन्सर करें. यानी एकेडमी की एक्टर्स ब्रांच में शामिल दो एक्टर अगर किसी एक्टर को मेंबरशिप के लिए स्पॉन्सर करें, तो उसका नाम आगे जा सकता है. 

इसके बाद हर ब्रांच की कमिटी नए नामों की सिफारिशों पर विचार करती है और फाइनल किए हुए नामों को एकेडमी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को भेज देती है. ये बोर्ड फाइनल फैसला करता है कि किसे मेंबरशिप का इनविटेशन भेजा जाएगा. 

एकेडमी की मेंबरशिप का मतलब?
एकेडमी के मेंबर्स का मुख्य काम ये है कि वो अपनी ब्रांच में ऑस्कर नॉमिनेशन पाने वाली फिल्मों के लिए वोट करते हैं और फाइनल विनर चुनते हैं. यानी इस साल एक्टर्स ब्रांच में एकेडमी की मेंबरशिप पाने वाले कमल हासन और आयुष्मान खुराना, बेस्ट एक्टर के ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन पाने वाले एक्टर्स के लिए वोट करेंगे. ऐसे में एकेडमी का मेंबरशिप का सीधा मतलब ये है कि उस व्यक्ति को सिनेमा में अपनी फील्ड में इतना अनुभव और समझ है कि वो दूसरे को जज कर सकता है. 

कितने समय के लिए मिलती है एकेडमी की मेंबरशिप?
2016 से पहले एकेडमी की मेंबरशिप लाइफटाइम होती थी. लेकिन उस दौर में ऑस्कर अवॉर्ड्स पर पक्षपात करने के कई गंभीर आरोप लगे. कई लोगों ने इस बात पर आपत्ति जतानी शुरू की कि एकेडमी मेंबर्स में से अधिकतर श्वेत हैं, पुरुष हैं और उनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है. 

इसके बाद एकेडमी ने 2016 से अपने सदस्यों में विविधता बढ़ाने और हर जनसंख्या समूह के लोगों को रिप्रेजेंटेशन देने के लिए मेंबरशिप की वैलिडिटी 10 साल कर दी. ताकि नए लोगों को भी मेंबरशिप का मौका मिलता रहे. यदि किसी व्यक्ति को तीन बार 10 साल की मेंबरशिप मिल चुकी है, तो वो लाइफटाइम मेंबरशिप पा सकता है. 

इस साल भारत से किस-किस को मिला मेंबरशिप का इनविटेशन?
एकेडमी ने इस साल दुनिया भर में सिनेमा से जुड़े 534 लोगों को मेंबरशिप का इनविटेशन भेजा है. भारत से ये इनविटेशन पाने वाले नामों की लिस्ट, उनकी ब्रांच के हिसाब से इस तरह है:

एक्टर्स- कमल हासन, आयुष्मान खुराना 
कास्टिंग डायरेक्टर्स- करण मल्ली 
सिनेमेटोग्राफर्स- रणबीर दास 
कॉस्टयूम डिजाइनर्स– मैक्सिमा बसु
डाक्यूमेंट्री– अरुण भट्टाराई, स्मृति मुंधरा
एग्जीक्यूटिव्स- रवि आहूजा
प्रोडक्शन और टेक्नोलॉजी-
चैतन्य चिंचिलिकर, मोमिता सेनगुप्ता, मुनीरा तय्यबजी
साउंड- पी. एम. सतीश
विजुअल इफेक्ट्स
– रवि बंसल, अभिषेक नायर, युगांधर तम्मारेड्डी, जतिन ठक्कर
राइटर्स- पायल कपाड़िया

 

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