मध्य प्रदेशराज्य

जल संरक्षण में लोक निर्माण विभाग की अभिनव पहल – ’लोक कल्याण सरोवर’

भोपाल 
मध्यप्रदेश में जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू की गई ‘लोक कल्याण सरोवर’ योजना अब एक सकारात्मक बदलाव की पहचान बन चुकी है। यह योजना इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि विकास कार्यों के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन को भी कैसे साधा जा सकता है।

सड़क निर्माण के लिए की जा रही मिट्टी खुदाई के स्थलों को उपयोग में लाते हुए विभाग ने उन्हें स्थायी जल संरचनाओं का रूप देना शुरू किया है। उल्लेखनीय बात यह है कि इन सरोवरों के निर्माण में सरकार को कोई अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं उठाना पड़ता। निर्माण एजेंसियों द्वारा छोड़े गए गड्ढों को वैज्ञानिक विधियों से समतल और गहरा कर वर्षा जल के संग्रहण योग्य बना दिया जाता है, जिससे न केवल भूजल स्तर में सुधार होता है बल्कि आसपास की खेती और ग्रामीण जीवन को भी संबल मिलता है।

विभाग द्वारा प्रदेश भर में 500 लोक कल्याण सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में सतना संभाग में नवाचार का असर साफ दिखाई देने लगा है। सतना और मैहर जिलों में अब तक 15 स्थलों पर ऐसे सरोवरों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

विशेष रूप से मझगवां के गुलवार-कोठार मार्ग निर्माण के दौरान गोविन्दपुर में 27 हजार 600 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाए गए सरोवर की जल संग्रहण क्षमता 69 हजार घन मीटर है। वहीं, न्यू मिरगौती में भी एक 18 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल और दूसरा 37 हजार 800 घन मीटर जल संग्रहण क्षमता वाला सरोवर तैयार किया गया है।  

इन जल संरचनाओं के किनारों पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण को और अधिक समृद्ध किया जा रहा है। ट्री गार्ड्स की सहायता से पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है, जिससे इन सरोवरों का दीर्घकालिक लाभ ग्रामीण समुदायों को प्राप्त होगा। ‘लोक कल्याण सरोवर’ योजना अब सिर्फ एक इंजीनियरिंग नवाचार नहीं, बल्कि हरियाली, जल बचाव और समावेशी विकास की प्रतीक बन चुकी है।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button