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भारत ने म्यांमार के थिलावा पोर्ट पर 442 मीट्रिक टन खाद्य सहायता सौंपी, जिसे यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपा गया

नई दिल्ली
म्यांमार के मंडाले क्षेत्र में आए भीषण भूकंप के बाद भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत मानवीय सहायता और राहत सामग्री पहुंचाने की पहल तेज कर दी है. शनिवार को भारत ने म्यांमार के थिलावा पोर्ट पर 442 मीट्रिक टन खाद्य सहायता सौंपी, जिसे यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपा गया. दरअसल, 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें अब तक 3,100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है. भूकंप का केंद्र मंडाले के पास बताया गया है.

भारत ने तत्काल राहत पहुंचाने की पहल करते हुए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की शुरुआत की, जिसके तहत खोज और बचाव (SAR), मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. भूकंप के 24 घंटे के भीतर ही भारत ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) सामग्री की पहली खेप म्यांमार पहुंचाई थी.

शनिवार को INS घड़ियाल पोत के माध्यम से 442 मीट्रिक टन खाद्य सामग्री थिलावा पोर्ट पहुंचाई गई, जो यांगून से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. इसमें 405 मीट्रिक टन चावल, 30 मीट्रिक टन खाना पकाने का तेल, 5 मीट्रिक टन बिस्कुट और 2 मीट्रिक टन इंस्टेंट नूडल्स शामिल हैं. ये सभी सामग्री म्यांमार के प्रभावित लोगों की तात्कालिक भोजन आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से भेजी गई है.

भारत की यांगून स्थित दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है. भारतीय वायुसेना के लैंडिंग शिप टैंक INS Gharial द्वारा लाई गई 442 टन की खाद्य सहायता आज थिलावा पोर्ट पहुंची और मुख्यमंत्री यू सो थेइन को सौंपी गई.

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