छत्तीसगढ़राज्य

गांव में हाथी का कहर, हमले और तबाही के बाद जंगल की ओर हुई वापसी

धमतरी
वनांचल क्षेत्र से भटककर मैदानी क्षेत्र पहुंचा एक हाथी अब केरेगांव क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया है। 24 घंटे के भीतर हाथी 50 किलोमीटर चले और हाईवे पार करते हुए अब जंगल में चला गया है। हाथी के जाने के बाद मैदानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग इस हाथी पर नजर रखे हुए है। एक ही दिन में हाथी कई किसानों के धान फसल को रौंदकर जमकर नुकसान पहुंचाया है। हाथी के वनांचल क्षेत्र पहुंचने के बाद ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राहत महसूस किया है। भखारा क्षेत्र के गांवों में जंगली हाथी कभी पहुंच जाएगा, ऐसा लोगों ने कभी नहीं सोचा था, लेकिन हाथी वनांचल क्षेत्र से भटककर 11 जुलाई को मैदानी क्षेत्र के ग्राम रीवांगहन, भेंडरा, डोमा, खम्हरिया में पहुंच गया। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। यह हाथी किसानों के खेत होते हुए पहुंचा था।
 
पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था
मैदानी क्षेत्र में हाथी के प्रवेश करने से वन विभाग के अमला भी रातभर नहीं सो पाया, क्योंकि हाथी किसी को मारकर नुकसान न पहुंचा दें। हालांकि हाथी ने मैदानी क्षेत्र में एक युवक पर हमला जरूर किया था, जो घायल हो गया था, ऐसे में वन विभाग की टीम इस हाथी का पल-पल का लोकेशन की जानकारी ले रहा था।
रातभर यह हाथी कई किलोमीटर चले और हाईवे पार करके वनांचल क्षेत्र पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार हाथी भखारा रोड पार करके डोमा, खम्हरिया, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर होते हुए केरेगांव परिक्षेत्र के जोगीडीह के जंगल में पहुंचा।
 
विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे
हाथी पिछले 24 घंटों के भीतर 50 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर केरेगांव रेंज में पहुंच चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर हाथी के पीछे वन विभाग की टीम व पुलिस जवान लगे रहे, ताकि किसी तरह जनहानि न हो। हाथी मानिटरिंग टीम के कर्मचारियों को सिंगल हाथी कक्ष क्रमांक 143 में पद चिन्ह मिला, तब जाकर कर्मचारियों ने राहत ली। डिप्टी रेंजर आरके तिवारी ने बताया कि हाथी केरेगांव क्षेत्र के जंगल पहुंच चुका है। किसानों के धान फसल को पहुंचाया नुकसान हाथी एक ही दिन में ग्राम भेंडरा, रीवांगहन, डोमा, खम्हरिया, डाही, छाती, डांडेसरा, ढिमरटिकुर नवागांव, देवपुर समेत कुछ अन्य गांव खेत वाले मार्ग से पहुंचे। इस दौरान हाथी कई किसानों के खेतों से होते हुए निकले, तो खेतों में लगे खरीफ सीजन के धान फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया है। धान फसल के रौंदने से कई किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।

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