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यूपी-महाराष्ट्र और उत्तराखंड समेत 15 ठिकानों पर ईडी की ताबड़तोड़ छापेमारी, 5 दवा कंपनियों पर शिकंजा

देहरादून
ड्रग तस्करों के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने नशा तस्करों के साथ गठजोड़ पर उत्तराखंड में 05 फार्मा कंपनियों (बायोजेनेटिक ड्रग्स प्रा. लि.), सीबी हेल्थकेयर, सीमिलेक्स फार्माकेम ड्रग्स इंडस्ट्रीज, सोल हेल्थ केयर (आइ) प्रा. लि. और एस्टर फार्मा) के ऋषिकेश, हरिद्वार और काशीपुर के ठिकानों पर जांच की। देर रात तक जारी कार्रवाई में फार्मा कंपनियों में दवा बिक्री, सप्लायर, स्टाक, ट्रांजेक्शन आदि की जांच की जा रही थी।

नशा तस्करों और फार्मा कंपनियों के गठजोड़ के विरुद्ध ईडी की यह कार्रवाई उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक साथ 15 ठिकानों पर की गई। ईडी सूत्रों के अनुसार ईडी ने यह कार्रवाई एसटीएफ की ओर से बीते वर्ष दर्ज एफआइआर के आधार पर की गई। एफआइआर के आधार पर ईडी ने जांच में पाया कि फार्मा कंपनियों के साथ गठजोड़ कर नशा तस्करों ने कई दवाओं की आपूर्ति नशे के रूप में प्रयोग के लिए की है।

इसके अलावा दवा निर्माण के लिए कच्चे माल की खरीद का परीक्षण भी किया गया। इस आपराधिक गठजोड़ ने नशा तस्करों ने कई सौ करोड़ों रुपए बनाए हैं। जिसे सीधे तौर पर मनी लांड्रिंग के रूप में माना गया। फार्मा और नशा तस्करों के गठजोड़ पर की जा रही कार्रवाई में ईडी की एंट्री के बाद फार्मा सेक्टर में हड़कंप की स्थिति है। माना जा रहा है कि ईडी बड़े स्तर पर आरोपितों की संपत्ति अटैच कर सकती है।

ड्रग पैडलर एलेक्स ने खोले फार्मा कंपनियों के साथ गठजोड़ के राज
ईडी सूत्रों के अनुसार नशे में प्रयुक्त की जाने वाली प्रतिबंधित श्रेणी की दवाओं की खेप नशा तस्करों तक पहुंचने के मामले में ड्रग पैडलर एलेक्स पालीवाल की पूर्व में गिरफ्तारी की जा चुकी है। एलेक्स के माध्यम से यह पता चला कि जांच के दायरे में ली गई फार्मा कंपनियों ने प्रतिबंधित श्रेणी की दवाओं का असामान्य उत्पादन किया है। एक दवा तो ऐसी पाई गई, जिसका कुछ ही माह में 20 करोड़ से अधिक टैबलेट का उत्पादन किया गया।

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