राजनीतिक

कोलंबिया ने अपना वह बयान वापस ले लिया, जिससे हमें पहले निराशा हुई थी, अब ह हमारे समर्थन में एक बयान जारी करेंगे: शशि थरूर

नई दिल्ली 
ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए अलग-अलग देशों में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को बड़ी सफलता मिली है। 7 मई को पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों की मौतों पर संवेदना व्यक्त करने वाला कोलंबिया अपने बयान को बदलने के लिए तैयार हो गया है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "उन्होंने अपना वह बयान वापस ले लिया है, जिससे हमें पहले निराशा हुई थी अब वह हमारे समर्थन में एक बयान जारी करेंगे।" थरूर का यह बयान उनके पिछले बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर कोलंबिया द्वारा अपनाए गए रुख पर निराशा जाहिर की थी।

संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत और भारतीय जनता पार्टी के नेता तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि कोलंबिया सरकार के सामने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारत सरकार का पूरा पक्ष रखा है। प्रतिनिधिमंडल के विस्तृत स्पष्टीकरण ने कोलंबिया के रूख को पलटने में मदद की। उन्होंने कहा, "आज सुबह हमारे नेता और कोलंबिया के कार्यवाहक विदेश मंत्री के बीच में लंबी चर्चा हुई। पूरी टीम ने उन्हें समय सीमा समझाते हुए.. पूरी घटना की जानकारी दी। शायद इससे पहले उनके द्वारा दिए गए बयान में घटनाक्रम के कुछ मुख्य बिंदु छूट गए थे। इसकी वजह से उन्होंने ऐसा बयान दिया था। कोलंबिया द्वारा इस मुद्दे पर अपना बयान बदलने का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि वह जल्दी ही सुरक्षा परिषद का सदस्य बन जाएगा।"

कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियों ने इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि आज इस मुद्दे पर हमें जो स्पष्टीकरण मिला है, वह वास्तविक स्थिति, संघर्ष और कश्मीर में जो कुछ हुआ उसके बारे पर्याप्त जानकारी देता है। इसके बारे में हम और बातचीत जारी रख सकते हैं।

इससे पहले शुक्रवार को कोलंबिया द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर जारी किए गए पुराने बयान को लेकर शशि थरूर ने कहा था कि आतंकियों को भेजने वाले और अपना बचाव करने वालों के बीच में कोई समानता नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा, "नई दिल्ली के पास इस बात के ठोस सबूत हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के पीछे पाकिस्तान द्वारा पोषित किए जा रहे आतंकवादियों का हाथ था। इस आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की हत्या हो गई थी।"

थरूर ने कहा, “हम केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। जिस तरह से कोलंबिया ने कई आतंकवादी हमलों को झेला है ठीक उसी प्रकार से भारत ने भी कई आतंकी हमलों का सामना किया है। हम पिछले चार दशक से आतंकी हमलों का सामना कर रहे हैं।”

 

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