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“महामंडलेश्वर होने का दावा करने वाला शख्स अजय रामदास गिरफ्तार, पूर्व राज्यपाल के लेटरहेड का किया था दुरुपयोग”

छिंदवाड़ा:छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसूईया उइके के लेटरहेड और हस्ताक्षर का दुरुपयोग करने के आरोप में अजय रामदास उर्फ अजय वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अजय रामदास पर आरोप है कि उसने पूर्व राज्यपाल के लेटरहेड और हस्ताक्षर का उपयोग करके बड़े अधिकारियों और नेताओं को सिफारिशी पत्र भेजे।

मामले की जानकारी देते हुए टीआई उमेश गोलानी
टीआई उमेश गोलानी ने बताया कि अजय रामदास के खिलाफ 2019 में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद जांच के आधार पर अजय रामदास को गिरफ्तार किया गया है। अजय रामदास पर आरोप है कि उसने राज्यपाल के लेटरहेड और हस्ताक्षर का उपयोग करके बड़े अधिकारियों और नेताओं को सिफारिशी पत्र भेजे।
टीआई उमेश गोलानी ने बताया, “छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आज लालबाग से एक अजय वर्मा नाम के जिनको अजय रामदास के नाम से जाना जाता है और हाल ही में महामंडलेश्वर की उपाधि इनको प्राप्त हुई थी ऐसा इनका कहना है एथेंटिक क्या है नहीं मालूम है अजय वर्मा गिरफ्तारी रायपुर पुलिस लाइन थाना में अपराध क्रमांक 535/2019 धारा 417,419,465,418,471 जोकि कूट रचना ओर दस्तावेजों से संबंधित प्रकरण था और 2019 से चल रहा था इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस ने हमसे सहयोग मांगा था और हमने वैधानिक तरीके से पत्र प्राप्त कर मदद करते हुए अजय वर्मा को गिरफ्तार करवाया है पुलिस ने छत्तीसगढ़ ले गई है।”
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
अजय रामदास खुद को महामंडलेश्वर होने का दावा करता है, लेकिन इसकी पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही होगी। पुलिस ने अजय रामदास को छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई रायपुर पुलिस करेगी।

पूर्व राज्यपाल अनुसूईया उइके ने बताया कि, “छत्तीसगढ़ के एमएलए को प्रमुख लोगों को भी मेरे लेटर पैड पर और मेरी दस्तखत करके इस तरह से भेजा गया था जो कि बहुत ही मेरे लिए एक अपमानित जनक तरीके से और उनकी नजरों में मेरे प्रति एक इस तरह की भाषा का उपयोग करते हुए जो कि न मैं इस संबंध में न कल्पना कर सकती थी कि कोई भी वरिष्ठ व्यक्तियों को ऐसा पत्र लिख सकती थी। मेरे पास स्टाफ में बहुत सारे मिलने जुलने वाले आते है और उसी संदर्भ में मैंने कहा कि ये विषय बहुत गंभीर है और उनके द्वारा भी वो मुझे पत्र की कॉपी उपलब्ध कराई गई जो मेरे लेटर पैड पे मेरी ही दस्तखत करके पत्र भेजे गए थे तो वो पत्र पढ़कर मुझे भी बड़ा दुख हुआ इस तरह का जो भी व्यक्ति ने मेरे लेटर पैड का मेरी दस्तखत का दुरुपयोग किया है निश्चित रूप से ऐसे व्यक्ति की जांच होनी चाहिए और सच्चाई सब लोगों को पता लगना चाहिए।”
पुलिस ने बताया कि अजय रामदास के खिलाफ एक प्रकरण थाना कोतवाली में भी 420 का प्रकरण दर्ज हुआ था जो कि न्यायालय में चल रहा है और चौरई में भी इनके विरुद्ध प्रकरण हो सकते हैं। पुलिस जांच कर रही है कि अजय रामदास वास्तव में महामंडलेश्वर है या नहीं और उसकी सच्चाई क्या है।
गिरफ्तारी के बाद, अजय रामदास को छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने साथ ले गई है और आगे की कार्रवाई रायपुर पुलिस द्वारा की जाएगी। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है और सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रही है।