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अहमदाबाद नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ दूसरे चरण का अभियान शुरू किया, 8 हजार अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त

अहमदाबाद

 गुजरात के अहमदाबाद शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का एक्शन जारी है। अहमदाबाद नगर निगम ने अवैध अधिक्रमण हटाने के लिए दूसरे चरण का अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत 2.5 लाख वर्ग मीटर की भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, चंदोला क्षेत्र में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का काम शुरू भी कर दिया है। मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है। बता दें कि पहले चरण के अभियान में 1.5 लाख वर्ग मीटर की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया था।

बांग्लादेशी नागरिकों का ठिकाना बन चुका है चंडोला तालाब

पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने कहा कि ये अवैध निर्माण अवैध बांग्लादेशी नागरिकों का ठिकाना बन चुके थे. पिछले महीने शहर में 250 अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए थे, जिनमें से 207 चंडोला तालाब के अवैध निर्माणों में रहते थे और गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े थे. इससे पहले साल 2009 में 95 अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए थे, तब भी यहां डिमोलिशन किया गया था. डिमोलिशन के दूसरे चरण के दौरान एक जेसीपी, एक एडीसीपी, 6 डीसीपी, एसीपी, और पीआई सहित कुल 3 हजार से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे. 25 एसआरपी कंपनियां भी मौजूद रहेंगी.

पहले चरण के दौरान स्थानीय लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में जाकर डिमोलिशन रोकने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने तालाब पर बने सभी निर्माणों को अवैध बताते हुए  डिमोलिशन पर रोक नहीं लगाई थी. इसके बाद प्रशासन ने 4 हजार अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए थे. अब दूसरे चरण में बाकी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करके तालाब का हिस्सा खाली करवाया जाएगा. प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि इस खाली जगह पर दोबारा कोई अवैध निर्माण न हो.

    शहर के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि दो शिफ्ट में पुलिस के करीब 3000 कर्मियों और एसआरपी की 25 कंपनियों को तैनात किया गया है। अतिक्रमण हटाए जाने की प्रक्रिया अगले 3-4 दिनों तक चल सकती है।

    प्रभावित क्षेत्रों में दो दिन से लाउडस्पीकर से घोषणा कर लोगों से घर खाली करने की अपील की गई थी। चंदोला क्षेत्र में बिना कानूनी दस्तावेज के काफी अवैध बांग्लादशी रहते थे। इसमें से अधिकतर को अब डिपोर्ट किया जा चुका है।

    दावा था कि क्षेत्र के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियां संचालित करने के लिए भी किया जा रहा था। 2010 से पहले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ईडब्ल्यूएस आवास के लिए वार्ड कार्यालय से फॉर्म लेने को कह दिया गया है। सुरक्षाबल इलाके में गश्त कर रहे हैं।

अधिकारियों ने दी जानकारी
अहमदाबाद के डीसीपी रवि मोहन सैनी ने कहा, 'ये पूरा तालाब का एरिया है। इसमें जो भी निर्माण किया गया है, वो अवैध है। इसलिए आज इसे हटाया जा रहा है। पहले चरण में हमने जब अतिक्रमण हटाया था, तब कई अवैध बांग्लादेशी प्रवासी पकड़े गए थे। उनके खिलाफ डिपोर्टेशन की कार्रवाई शुरू की गई थी।

ज्यादातर मकान अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के

बता दें कि इससे पहले 29 और 30 अप्रैल को अभियान के पहले चरण में लगभग 3 हजार अवैध मकानों को ध्वस्त किया गया था, जिनमें ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के थे। दूसरे चरण में भी प्रशासन ढाई हजार से ज्यादा अवैध निर्माणों को निशाना बना रहा है। बता दें कि गुजरात पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में हजारों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से बड़ी संख्या में अहमदाबाद में रह रहे बांग्लादेशी भी शामिल हैं। चंदोला लेक इलाके में चल रही इस कार्रवाई का मकसद अवैध कब्जों को हटाना और घुसपैठियों पर नकेल कसना है।
अवैध कब्जे की शुरुआत 1970-80 के दशक में हुई

चंदोला लेक का इलाका लंबे समय से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का गढ़ बना हुआ था, जहां मानव तस्करी और जाली दस्तावेजों का जाल फैला हुआ था। इस इलाके में अवैध कब्जे की शुरुआत 1970-80 के दशक में हुई, जब यहां बड़ी संख्या में प्रवासी बस्तियां बसाई गईं। 2002 में एक NGO ने इस क्षेत्र में सियासत नगर नाम से बस्ती बसाई थी। इसके बाद 2010 से 2024 के बीच चंदोला झील की जमीन पर अवैध कब्जों में तेजी आई। प्रशासन के अनुसार, इस इलाके में लोगों ने बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किए, जिनमें कई अवैध बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल थे।

अवैध कब्जे की शुरुआत कब हुई?

लंबे समय से चंदोला लेक का इलाका अवैध बांग्लादेशियों का गढ़ बना हुआ था, जहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग और फेक डॉक्यूमेंट्स का जाल फैला था। अवैध कब्जे की शुरुआत 1970 में हुई, जब यहां बड़ी संख्या में माइग्रेंट के लिए बस्तियां बसाई गईं। 2002 में एक NGO ने इस एरिया में सियासत नगर नाम से एक बस्ती बसाई थी। इसके बाद 2010 से लेकर 2024 के बीच चंदोला झील की जमीन पर अवैध कब्जे बढ़ोतरी होने लगी। प्रशासन के मुताबिक, इस इलाके में लोगों ने कई बड़े अवैध निर्माण किए, जिनमें कई बांग्लादेशी नागरिक भी मौजूद थे।
स्थानीय लोगों ने की थी ये मांग

गुजरात हाईकोर्ट में पहली स्टेज के दौरान लोकल लोगों ने जाकर डिमोलिशन रोकने को लेकर मांग की थी, लेकिन गुजरात कोर्ट ने तालाब पर बने सभी निर्माणों को अवैध करार देते हुए डिमोलिशन पर रोक नहीं लगाई थी। इसके बाद प्रशासन ने 4 हजार अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए थे। अब दूसरी स्टेज में बाकी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करके तालाब का हिस्सा खाली करवाया जाएगा। प्रशासन यह भी नजर रखेगा कि खाली जगह पर फिर दोबारा कोई अवैध निर्माण न हो।

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