ऑपरेशन सिंदूर के बाद जीसीएफ को नौ साल बाद एलएफजी के बड़े उत्पादन का यह लक्ष्य मिला

जबलपुर
मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित तोपगाड़ी निर्माणी (जीसीएफ) 18 लाइट फील्ड गन (एलएफजी) का निर्माण कर रही है, जिसे अब बढ़ाकर 36 करने का निर्णय लिया गया है। यह वृद्धि ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ती मांग के कारण हुई है। कुछ महीनों में पहली खेप में शामिल 18 एलएफजी का उत्पादन पूरा हो जाएगा।
बड़े उत्पादन का लक्ष्य मिला
जीसीएफ को नौ साल बाद एलएफजी के बड़े उत्पादन का यह लक्ष्य मिला है। इसके साथ ही, जीसीएफ बोफोर्स के अपग्रेड वर्जन धनुष तोप की मारक क्षमता को 45 से बढ़ाकर 52 कैलिबर बैरल करने की योजना बना रही है।
धनुष तोप सेना की ताकत को और बढ़ाएगी
बता दें कि धनुष तोप की 52 कैलिबर बैरल की मारक क्षमता के प्रोटोटाइप का सफल परीक्षण पोखरण और बालासोर में किया गया है। परीक्षण में तोप ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में 52 कैलिबर बैरल के साथ धनुष तोप सेना की ताकत को और बढ़ाएगी। जीसीएफ के अधिकारियों के अनुसार, परीक्षण के परिणामों के आधार पर तोप का उत्पादन शुरू होगा।
लाइट फील्ड गन की विशेषताएं
यह 105 मिमी की एक उन्नत फील्ड आर्टिलरी हथियार प्रणाली है, जो हल्केपन और ताकत का संयोजन करती है। इसे दो क्रू सदस्य, एक गनर और एक लोडर, संचालित करते हैं। इसकी पोर्टेबिलिटी इसे पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी बनाती है। यह छह राउंड प्रति मिनट की तीव्रता से लक्ष्य भेदने में सक्षम है।