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संघर्ष से सफलता तक — मजदूरी और पढ़ाई साथ लेकर बना चार्टर्ड अकाउंटेंट

कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और जज़्बे से लिखी नई कहानी

छिंदवाड़ा – कभी केटर्स का काम करने वाला और दूसरों के घरों में पुताई करने वाला एक युवक आज चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) बन गया है। आठ वर्षों की मेहनत, त्याग और लगन से उसने वह मुकाम हासिल किया, जिसे पाना आसान नहीं होता।

यह कहानी है ग्राम बीसापुर कलां के किसान परिवार के बेटे संदीप मोहने की। उनके पिता जगदीश मोहने किसान हैं और माता उर्मिला मोहने सिलाई-बुनाई कर घर चलाती हैं। आर्थिक सीमाओं के बावजूद संदीप ने कभी अपने सपनों को छोटा नहीं होने दिया। दिन में काम और रात में पढ़ाई करते हुए उन्होंने सीए की कठिन परीक्षा पास की और गांव के पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट बने।

उनकी इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर ग्राम पंचायत परिसर में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सरपंच वेद सिसोदिया, जनपद सदस्य चैतराम अमृते, एवं ग्रामीणों ने संदीप और उनके पिता का पुष्पहार पहनाकर और मिठाई खिलाकर स्वागत किया।

इस मौके पर  पुरुषोत्तम बरपेते, सुरेश चरपे, डॉ. हेमंत दुबे, सचिव ओमकार मालवीय, पंच गोविन्द बनवारी, शिक्षिका श्रीमती संध्या भूषण, शिवप्रसाद अमृते, सीएचओ श्रीमती रश्मि देशमुख, आशीष सुकरा, नरेश भूषणकर, प्रमोद बरपेटे, प्रदीप बरपेटे सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।

सम्मान समारोह में संदीप ने कहा —

“अगर मन में लक्ष्य हो और हिम्मत न टूटे, तो कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं होती। मैं चाहता हूँ कि हमारे गांव के बच्चे भी मेहनत कर अपने सपनों को सच करें और गांव का नाम ऊँचा करें।”

संदीप की यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे बीसापुर कलां गांव के लिए गर्व की बात है। उनकी कहानी आज गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।

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