“बहुत दुख हुआ यहां आकर, हिम्मत नहीं हो रही थी मिलनें की, लेकिन अब तसल्ली है — कमलनाथ”

छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से हुई मासूम बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रह चुके कमलनाथ रविवार को अपने पुत्र नकुलनाथ के साथ परासिया पहुंचे। वहां उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा साझा की। इस दौरान कमलनाथ भावुक नजर आए और उन्होंने कहा कि उन्हें यहां आने की हिम्मत नहीं हो रही थी। लेकिन अब जब वे आए हैं और परिजनों की बातें सुनीं, तो थोड़ी तसल्ली हुई कि उनका दर्द साझा कर सके।
मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सीधे राज्य सरकार पर डाली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी दवाइयां धड़ल्ले से बिक रही हैं, जिनकी टेस्टिंग ही नहीं हो रही। उन्होंने आरोप लगाया कि टेस्टिंग प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती गई, और इसका खामियाजा मासूम बच्चों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। कमलनाथ ने यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की है और मांग करेंगे कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
कमलनाथ की इस देरी से भरी यात्रा पर सवाल भी उठे। भाजपा सांसद बंटी साहू ने उन पर आरोप लगाया था कि वे पूरे घटनाक्रम के खत्म हो जाने के बाद परिजनों से मिलने पहुंचे। जब इस पर पत्रकारों ने सवाल किया तो कमलनाथ ने सफाई दी कि उन्होंने पहले ही जीतू पटवारी और उमंग सिंघार को मौके पर भेजा था। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर भीड़ नहीं करना चाहते थे और यह समय संवेदनशीलता दिखाने का है, ना कि राजनीतिक दिखावे का। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि बंटी साहू को चाहिए कि वे खुद राज्य सरकार से 50-50 लाख रुपये की मदद दिलवाएं।
इससे पहले इमलीखेड़ा हवाई पट्टी पर मीडिया से बातचीत के दौरान कमलनाथ ने कहा कि इस घटना में 25 मासूमों की जान चली गई और यह आंकड़ा शायद इससे भी अधिक हो सकता है, क्योंकि पूरे प्रदेश में यह जहरीली दवा बेची गई थी। उन्होंने कहा कि अभी भी कई ऐसी दवाइयां बाजार में मौजूद हैं जिनकी टेस्टिंग नहीं हुई है और सरकार को तुरंत इस पर सख्त कदम उठाना चाहिए। बतादे की कमलनाथ और नकुलनाथ छिंदवाड़ा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं



