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“शक्ति की आराधना’ के साथ ‘बेटियों की रक्षा’ का संदेश – समिति की अनूठी पहल

छिंदवाड़ा -शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मां आदिशक्ति दुर्गा उत्सव समिति ने इस बार एक ऐसी झांकी तैयार की है, जो न सिर्फ दर्शकों के मन को छू रही है, बल्कि समाज को एक गहरा संदेश भी दे रही है। समिति ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ थीम पर केंद्रित इस झांकी को करीब 45 दिनों की मेहनत से तैयार किया है, जो अब जिलेभर में चर्चा का विषय बन चुकी है।

इस झांकी में धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक चेतना का भी समावेश है। जहां एक ओर माता दुर्गा की दिव्य प्रतिमा श्रद्धालुओं को शक्ति का आभास कराती है, वहीं दूसरी ओर झांकी के विभिन्न फ्रेम में महिलाओं और बालिकाओं पर होने वाले अत्याचारों को हृदयविदारक रूप में दर्शाया गया है।

कटे हाथ और शरीर के टुकड़ों वाला फ्रीजर – एक खामोश चीख

झांकी का सबसे मार्मिक हिस्सा वह फ्रीजर है, जिसका दरवाजा खुला हुआ है और अंदर महिला शरीर के कटे हुए अंग सजाए गए हैं। यह दृश्य महिला अत्याचारों की भयावह सच्चाई को दर्शकों के सामने लाता है। यह प्रतीकात्मक चित्रण केवल कल्पना नहीं, बल्कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हाल ही में महिला डॉक्टर के साथ हुई अमानवीय घटना की याद भी दिलाता है। झांकी में उस घटना से जुड़ी तस्वीर भी लगाई गई है, जो दर्शकों को भीतर तक झकझोर देती है।

शिक्षा का संदेश – उम्मीद की एक किरण

अत्याचार के चित्रण के बीच समिति ने झांकी में एक उम्मीद की रेखा भी खींची है। किताबों को सजाकर और स्लेटनुमा छत पर वर्णमाला एवं गिनती लिखकर बेटियों को शिक्षा देने का आह्वान किया गया है। यह भाग दर्शाता है कि एक शिक्षित बेटी न केवल अपने हक के लिए खड़ी हो सकती है, बल्कि समाज को भी नई दिशा दे सकती है।

हर वर्ष एक नई सोच

समिति सदस्यों का कहना है कि वे हर साल दुर्गा उत्सव के माध्यम से समाज को जागरूक करने की कोशिश करते हैं। इस बार की झांकी में धार्मिकता के साथ सामाजिक संवेदना का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।
“मां दुर्गा सिर्फ राक्षसों का वध नहीं करतीं, वे समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म करने की प्रेरणा भी देती हैं।” – यह संदेश झांकी के माध्यम से दिया गया है।

छिंदवाड़ा की यह झांकी केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, संवेदना और सामाजिक चेतना का प्रतीक बन चुकी है। मां दुर्गा के चरणों में यह समर्पण, बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए समाज को जागरूक करने का एक मजबूत प्रयास है – जो वाकई में सराहनीय है।

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