शक्ति और शौर्य का संगम: राजपाल चौक की दुर्गा पूजा पंडाल बनी देशभक्ति की मिसाल”

नवरात्रि के पावन अवसर पर जब पूरे शहर में मां दुर्गा की भक्ति से वातावरण गूंज रहा है, ऐसे में छिंदवाड़ा शहर के राजपाल चौक दुर्गा उत्सव समिति ने इस बार का आयोजन कुछ अलग ही रूप में प्रस्तुत किया है। समिति द्वारा इस वर्ष का पंडाल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर आधारित बनाया गया है, जो ना केवल मां भवानी की दिव्यता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय सेना के अद्वितीय पराक्रम को भी नमन करता है।

समिति के सदस्य शिखर पांडे ने बताया कि यह आयोजन सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी भावना है। पिछले 50 वर्षों से समिति श्रद्धा और भव्यता के साथ गणेश उत्सव और दुर्गा उत्सव मनाती आ रही है, लेकिन इस बार थीम के ज़रिए हम कुछ विशेष संदेश देना चाहते थे। हाल ही में देश की सेना ने जिस वीरता के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, वही प्रेरणा इस बार की दुर्गा पूजा का आधार बनी। मां दुर्गा के आशीर्वाद और भारतीय जवानों के साहस को एक साथ दिखाने की कोशिश की गई है।

पंडाल को इस तरह सजाया गया है कि मां दुर्गा सिंह पर सवार होकर जैसे रणभूमि में विजय का आशीर्वाद दे रही हों। भारतीय सेना की झलकियाँ, युद्ध के दृश्य और देवी शक्ति की उपस्थिति, पूरे माहौल को आध्यात्मिकता और देशभक्ति से भर देते हैं। श्रद्धालु जब पंडाल में प्रवेश करते हैं, तो सिर्फ पूजा नहीं करते, बल्कि भावुक होकर देश के उन वीरों को भी याद करते हैं, जो सीमाओं पर तैनात हैं।
इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें समाज के हर वर्ग ने मिलकर भाग लिया। बच्चों की ऊर्जा, युवाओं का उत्साह और बुजुर्गों का अनुभव – सबने मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया। तन, मन और धन से लोगों ने सहयोग किया, और यही एकता इस आयोजन की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम के माध्यम से समिति ने एक गहरा संदेश दिया है – कि आस्था और देशभक्ति कभी एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते। मां दुर्गा की पूजा सिर्फ आरती तक सीमित नहीं, बल्कि उन सैनिकों को सम्मान देना भी उतनी ही बड़ी श्रद्धा है जो हर दिन हमारे लिए संघर्ष करते हैं।
राजपाल चौक का यह आयोजन अब सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक प्रतीक बन गया है – जहां शक्ति की आराधना और देश की सेवा को एक साथ सराहा जा रहा है।
इस नवरात्रि, जब हर गली में जय मां भवानी की गूंज है, तब राजपाल चौक से एक और आवाज उठती है – “जय भवानी, जय हिंद!”



