राजनीतिक

‘हिंदू आतंकवाद’ पर अब दिग्विजय सिंह सॉफ्ट? साध्वी को क्लीनचिट के बाद बदला अंदाज

भोपाल 
17 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को एनआईए की अदालत ने गुरुवार को बरी कर दिया। 2008 में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित आदि की गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर 'हिंदू आतंकवाद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के सुर बदल गए हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि ना हिंदू आतंकवादी होता है ना मुसलमान आतंकवादी होता है।

दिग्विजय सिंह ने संसद परिसर में पीटीआई से बातचीत में कहा कि किसी भी धर्म को आतंकवाद से जोड़ना ठीक नहीं। दिग्विजय सिंह ने कहा, 'ना हिंदू आतंकवाद होता है ना इस्लामिक आतंकवाद होता है। हर धर्म प्रेम,अहिंसा, सद्भाव का प्रतीक होते है। ना हिंदू आतंकवादी हो सकता है ना मुसलमान हो सकता है, ना सिख होता है ना ईसाई होता है। कुछ ही लोग होते हैं जोकि धर्म को नफरत की तरह हथियार बनाते हैं।' यह कहे जाने पर कि भाजपा कांग्रेस पर 'हिंदू टेरर'का शब्द देने का आरोप लगाती है, पूर्व सीएम ने कहा, ‘बिल्कुल गलत है।’

भाजपा के नेता आरोप लगाते हैं कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद गलत तरीके से साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित जैसे लोगों को फंसाया गया और 'हिंदू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद' जैसे शब्द गढ़े गए। दिग्विजय सिंह जैसे कुछ नेताओं पर ऐसे शब्दों के इस्तेमाल के आरोप लगे। दिग्विजय सिंह ने बाद सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने भगवा आतंकवाद नहीं संघी आतंकवाद कहा था।

दिग्विजय सिंह को घेरती रही है बीजेपी

दरअसल, हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी के निशाने पर दिग्विजय सिंह रहे हैं। बीजेपी यह आरोप लगाते रही है कि हिंदुओं को बदनाम करने के लिए दिग्विजय सिंह ने ही हिंदू आतंकवाद की थ्योरी गढ़ी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ हिंदू आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। इसे मुद्दे को मजबूती देने के लिए बीजेपी ने उनके खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को उतारा था। साध्वी प्रज्ञा ने उस चुनाव में दिग्विजय सिंह को तीन लाख वोटों से हराया था।

षड्यंत्र समाप्त हो गया

बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने एक्स पर लिखा कि मालेगांव बम विस्फोट के झूठे केस के माध्यम से हिन्दू ,हिंदुत्व और सनातन को बदनाम करने का षड्यंत्र आज समाप्त हो गया । कांग्रेस के तुष्टीकरण प्रेमी नेताओं को जिनमें कांग्रेस का प्रथम परिवार, तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार, फिर पी चिदंबरम और तुष्टीकरण के ब्रांड एंबेसडर दिग्विजय सिंह क्या आप हिन्दुओं से माफ़ी मांगेंगे।

सात साल पहले भी दिग्विजय सिंह ने 'हिंदू धर्म वाले आतंकवादी' शब्द का प्रयोग करके विवाद खड़ा कर दिया था। 2018 में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महात्मा गांधी से सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या का जिक्र करते हुए कहा था, ‘जितने भी हिंदू धर्म वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं, सब संघ के कार्यकर्ता रहे हैं।’

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