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क्या बच पाएंगी निमिषा प्रिया? भारत ने यमन में चलाए कूटनीतिक प्रयास तेज़ किए

केरल 
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया की यमन में फांसी की सजा भले ही कुछ समय के लिए टल गई हो, लेकिन खतरा अभी बरकरार है। भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया और अब दोनों परिवारों के बीच आपसी सहमति से समाधान निकालने पर बातचीत हो रही है। भारत सरकार ने गुरुवार को निमिषा प्रिया के मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा है कि उसने वकील समेत कई तरह की व्यवस्था की है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इस मामले में भारत कुछ मित्र देशों की सरकारों से भी संपर्क में है।

विदेश मंत्रालय ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में निमिषा मामले पर कहा, ''यह एक संवेदनशील मामला है और भारत सरकार इस मामले में हर संभव मदद की पेशकश कर रही है। हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है। हमने नियमित रूप से कांसुलर यात्राओं की भी व्यवस्था की है और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं।"

सरकार ने आगे कहा कि हाल के दिनों में निमिषा प्रिया के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए ठोस प्रयास किए गए। इसकी वजह से यमनी अधिकारियों ने सजा की तामील को स्थगित कर दिया, जो 16 जुलाई, 2025 को दी जानी थी। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, "हम मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम कुछ मित्र देशों की सरकारों के संपर्क में भी हैं।"

बता दें कि निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली थी। वह कई साल पहले यमन गई थी, जहां पर बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के साथ उसने एक क्लीनिक खोली थी। बाद में तलाल ने निमिषा को परेशान करना शुरू कर दिया और उसे अपनी पत्नी बताने लगा। कई दिनों तक उत्पीड़न झेलने के बाद निमिषा ने जब वापस अपना पासपोर्ट मांगा तो उसने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद निमिषा ने तलाल से पासपोर्ट लेने के लिए उसे सिर्फ बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन नशीली दवा ज्यादा हो गई और इससे उसकी मौत हो गई। बाद में निमिषा को हत्या का दोषी माना गया और उसे फांसी की सजा सुनाई गई।

 

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