मंदिरों के बाहर लगे ड्रेस कोड वाले पोस्टर, मिनी स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहनने पर आपत्ति

जबलपुर
जिले में एक पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पोस्टर मंदिरों के बाहर लगाया गया जिस पर लिखा है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहन कर अंदर प्रवेश करें। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर हिन्दूवादी संगठन ने शहर के कई मंदिरों के बाहर लगाया है। पोस्टर में कहा गया है कि मिनी स्कर्ट,जींस-टॉप तथा वेस्टर्न कपडे पहनकर आने पर बाहर से दर्शन करें।
दरअसल, जबलपुर शहर में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल ने मंदिरों के बाहर पोस्टर लगाया है और उसमें लिखा है, "निवेदन है कि मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही वस्त्र पहनकर प्रवेश करें। छोटे वस्त्र, हाफ पैंट, बरमुंडा, मिनी स्कर्ट, नाईट-शूट, कटी फटी जींस और क्राप टॉप आदि वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने पर मंदिर के बाहर से ही दर्शन करें। बालिकाएं और महिलाएं मंदिर परिसर में सिर ढक कर प्रवेश करें। पोस्टर पर आगे लिखा है कि इसे अन्यथा न लें और भारतीय संस्कृति आपको ही बचानी है। पोस्टर में निवेदक के रूप में महाकाल संघ अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल लिखा हुआ है।
शहर भर के 40 मंदिरों में लगेंगे पोस्टर
इस पोस्टर को लेकर अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के जिला मीडिया प्रभारी अंकित मिश्रा ने बताया कि ऐसे पोस्टर शहर के लगभग 30 से 40 मंदिरों में लगाए गए हैं। इन पोस्टरों को शहर के अन्य मंदिर में भी लगाया जायेगा। महिलाएं ही धर्म के कार्य में सबसे आगे आती हैं। भारतीय संस्कृति को बचाना उनके हाथों में है। मेरा उनसे निवेदन है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप कपड़े पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश करें।
पोस्टर को लेकर वकील ने क्या कहा?
वहीं दूसरी ओर पोस्टर के संबंध में अधिवक्ता अंजना कुरलिया का कहना है कि महिला को कैसे कपड़े पहनना है, यह उनका विवेकाधिकार है। महिलाओं के लिए कई प्रकार के कपड़े हैं। प्राचीन भारतीय संस्कृति में बिना सिलाई वाले कपड़े नहीं थे। सिलाई वाले कपड़े ईरान से आये हैं, जिसे पहना जा रहा है। जींस-टीशर्ट सहित वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने वाली महिला व युवती मंदिर आकर ऐसे पोस्टर देखेगी तो उन्हें आघात होगा।