54 जिलों में मानसून की एंट्री, MP में इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें IMD अपडेट, ग्वालियर-चंबल में ऑरेंज अलर्ट

भोपाल
मध्य प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है और कई जिलों में बारिश का दौर शुरू हो गया है। भोपाल में बूंदाबांदी हुई है, अशोकनगर और रतलाम में तेज बरसात हुई है। ग्वालियर-चंबल संभाग के कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है क्योंकि दो लो प्रेशर एरिया और तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं।
3 दिन में कवर किए 54 जिले
प्रदेश के 54 जिलों में मानसून 3 दिन में ही पहुंच गया है, सिर्फ भिंड जिला बचा है जहां गुरुवार को मानसून की एंट्री होने की संभावना है। भोपाल में सुबह बूंदाबांदी हुई और बादल छाए रहे। आज ग्वालियर-चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना और गुना जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में ढाई से सवा 4 इंच तक बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश होने की संभावना है।
अगले 4 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट
एमपी में दो लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) और तीन साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से अगले 4 दिन तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। कहीं अति भारी तो कहीं भारी बारिश हो सकती है। यानी, 24 घंटे के दौरान ढाई से 8 इंच तक पानी बरस सकता है। बुधवार को मंदसौर, रतलाम और बड़वानी में तेज बारिश हुई जिससे गर्मी से राहत मिली। धार, इंदौर और उज्जैन में भी बारिश का दौर रहा।
2 डिग्री तक लुढ़का पारा
आंधी-बारिश की वजह से दिन के तापमान में गिरावट हुई है, प्रदेश में औसत 2 डिग्री तक पारा लुढ़क गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 35.5 डिग्री, उज्जैन में 31.7 डिग्री और जबलपुर में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इंदौर, उज्जैन समेत कई जिलों में बारिश हुई, पारा लुढ़का प्रदेश के कई जिलों में बुधवार को आंधी-बारिश का दौर रहा। मंदसौर, रतलाम, बड़वानी में तेज बारिश हुई। इससे गर्मी से निजात मिल गई। वहीं, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन में भी बारिश का दौर रहा। आंधी-बारिश की वजह से दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है।
प्रदेश में औसत 2 डिग्री तक पारा लुढ़क गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बाकी शहरों में पारा इससे नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 35.5 डिग्री, उज्जैन में 31.7 डिग्री और जबलपुर में 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इस बार एक दिन, पर 3 दिन में कवर किया इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।
मानसून कब कहां पहुंचा
इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा और प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून है, पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। राजधानी भोपाल में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ट्रेंड है।
क्या कह रहा है पिछले 10 सालों का ट्रेंड
पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा, 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी। पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था। इंदौर में पिछले साल 4 इंच बारिश हुई थी।
जून में पिछले 5 साल में कम गर्मी पड़ी
पिछले 5 साल यानी 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है, पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। साल 1980 में इंदौर में जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था।