मध्य प्रदेशराज्य

दमोह वनमंडल का एक बड़ा हिस्सा अब आधिकारिक रूप से वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में शामिल कर लिया गया

दमोह
 प्रदेश की नई पहचान बन चुका वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व अब और अधिक संगठित और सशक्त होता जा रहा है। दमोह वनमंडल का एक बड़ा हिस्सा अब आधिकारिक रूप से इस टाइगर रिजर्व में शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही वन विभाग के करीब 35 कर्मचारियों को भी टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधीन कर दिया गया है।

 इन कर्मचारियों की तैनाती अब रिजर्व क्षेत्र की गश्त, निगरानी, सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में की जाएगी। यह कदम न केवल टाइगर रिजर्व की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि इससे इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में यहां बाघों की संख्या बढ़ने की भी पूरी संभावना है।

गौरतलब है कि वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की घोषणा वर्ष 2023 में की गई थी। इसके बाद दमोह वनमंडल के कुछ क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जो अब पूरी हो चुकी है।
वन प्रबंधन को मिलेगी मजबूती

इस संबंध में डीएफओ दमोह ईश्वर जरांडे ने बताया कि दमोह वनमंडल के 30 से 35 कर्मचारियों को टाइगर रिजर्व में अधिकृत रूप से शामिल कर लिया गया है। इससे वन्यजीव संरक्षण के कार्यों को गति मिलेगी और टाइगर रिजर्व प्रबंधन की क्षमता भी बढ़ेगी। उन्होंने आगे बताया कि यह प्रशासनिक और मानव संसाधन स्तर पर एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जिससे टाइगर रिजर्व की समग्र व्यवस्था और अधिक प्रभावी हो सकेगी। यह बदलाव आने वाले समय में न सिर्फ बाघों बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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