देश

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को भविष्य के विकास का केंद्र बताया

नई दिल्ली

केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में पूर्वोत्तर राज्यों की अहम भूमिका होगी। ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट’ के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम “हमारे अद्भुत ‘अष्ट लक्ष्मी’- आठ राज्यों को प्रदर्शित करेगा।”

प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प और प्रतिबद्धता यह सुनिश्चित करते हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य में विकास का प्रमुख केंद्र बने

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प, प्रतिबद्धता और उनका विजन यह सुनिश्चित करना है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भविष्य के विकास और भारत के भविष्य के मार्ग का केंद्र बने, क्योंकि देश 2047 तक विकसित भारत के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।”

पूर्वोत्तर जिसे एक दशक पहले तक भारत का दूरस्थ क्षेत्र माना जाता था, आज भारत के विकास का केंद्र बन गया है

सिंधिया ने कहा कि सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) का 10 प्रतिशत (लगभग एक लाख करोड़ रुपए) प्रति वर्ष पूर्वोत्तर को दिया जाता है। इसने रीजन के विकास में अहम भूमिका निभाई है। पूर्वोत्तर जिसे एक दशक पहले तक भारत का दूरस्थ क्षेत्र माना जाता था। आज भारत के विकास का केंद्र बन गया है।

आज पूर्वोत्तर को आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने के लिए मंच तैयार कर दिया है, जो न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है

उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधनों का भंडार और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति ने इस क्षेत्र को दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए दुनिया के सबसे शक्तिशाली प्रवेश द्वार में बदल दिया है।” उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों के प्रतिबद्ध निवेश, बुनियादी ढांचे पर प्रधानमंत्री के पिछले 10 वर्षों के संकल्प, स्वास्थ्य देखभाल, पनडुब्बी केबल पर शिक्षा ने आज पूर्वोत्तर को आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने के लिए मंच तैयार कर दिया है, जो न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।”

23-24 मई को होने वाला ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट’ क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा

23-24 मई को होने वाला ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर समिट’ क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देगा।शिखर सम्मेलन का फोकस पर्यटन और आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण और उससे जुड़े हुए क्षेत्र, कपड़ा, हथकरघा और हस्तशिल्प, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास, आईटी/आईटीईएस, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स, एनर्जी और मनोरंजन एवं खेल पर होगा।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button