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पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव: मनाया भगवान आदिनाथ का जन्मोत्सव
जन्मकल्याणक पर भव्य शोभायात्रा का हुआ नगर भ्रमण, बच्चों का उपनयन संस्कार हुआ
- छिंदवाड़ा- श्री मज्जिनेंद्र आदिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में तीसरे दिन तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गईं. जन्मकल्याणक के अवसर पर भव्य शोभायात्रा का नगर भ्रमण हुआ. महोत्सव में शुक्रवार को अयोध्या नगरी में राजा नाभिराय के दरबार में जैसे ही माता मरुदेवी के तीर्थंकर बालक को जन्म देने की खबर पहुंची, वैसे ही पूरा पांडाल खुशियों से झूम उठा. तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के जन्मोत्सव पर पूरा पांडाल भगवान के जयकारों से गूंज उठा। सुमधुर भजनों की प्रस्तुति के साथ भगवान के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गईं. आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज एवं आचार्यश्री समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद से निर्यापक मुनिश्री प्रसाद सागर जी महाराज, मुनिश्री पद्म सागर जी महाराज, मुनिश्री शीतल सागर जी महाराज के परम सानिध्य में आयोजित पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव में शुक्रवार को महाराजा नाभिराय का दरबार सजाया गया. सौधर्म इंद्र अयोध्या नगरी की तीन प्रदक्षिणा करते हैं. सौधर्म इन्द्र अपनी रानी शची के साथ नाभिराय के दरबार में पहुंचे और भगवान के जन्मोत्सव की बधाई दी. रानी शची माता मरूदेवी के प्रसूति गृह में पहुंचकर बालक तीर्थंकर को लेकर आती हैं. सौधर्म इन्द्र एक हजार नेत्र बनाकर भगवान के दर्शन करते हैं. खुशी से नृत्य करते हैं. सौधर्म इन्द्र और रानी शची ऐरावत हाथी पर बालक तीर्थंकर को बैठाकर सुमेरू पर्वत स्थित पांडुक शिला पर पहुंचे, जहां बालक तीर्थंकर को बिठाकर 1008 कलशों से अभिषेक किया गया. भगवान का अभिषेक करने श्रावकों की कतार लग गई. दोपहर में उपनयन संस्कार आयोजित हुआ जिसमें बड़ी संख्या में बच्चों का उपनयन संस्कार कराया गया. शाम को आदिनाथ धाम से अयोध्या नगरी में महाआरती का आगमन हुआ. इससे पहले शुक्रवार की सुबह प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रम्हचारी प्रदीप भैया सुयश के निर्देशन में पूजन अनुष्ठान हुए. आलोक जैन सीए ने महाआरती तथा अमरेश अंशुल अक्षित एवं अनिल प्रकाश गोयल ने सौधर्म इंद्र के साथ भगवान का प्रथम अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त किया. शुक्रवार को स्वर्गीय धन्यकुमार महेंद्र कुमार गोयल परिवार ने साधर्मी वात्सल्य का भी आयोजन किया. शुक्रवार को प्रवचन सभा में मुनिश्री पद्म सागर जी महाराज ने कहा कि धर्म अनादिकाल से चला आया है और अनादि काल तक रहना चाहिए. धर्म चार स्तंभों पर खड़ा हुआ है माता पिता बच्चे और बच्चियां, यदि यह चार स्तंभ खड़े रहेंगे तो हमारा धर्म रूपी महल अजर अमर हो जाएगा. सभी संकल्प लें कि संस्कारों के बीजारोपण के लिए बच्चों को पाठशाला जरूर भेजेंगे. बच्चों में संस्कार तभी आएंगे जब उनके माता पिता भी संस्कारित हों.
भव्य शोभयात्रा का नगर भ्रमण:-
भगवान आदिनाथ के जन्मकल्याण के अवसर पर शुक्रवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा में महोत्सव के सभी पात्रों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं अनुशासित रूप से शामिल हुए. धर्म की प्रभावना करते हुए शोभायात्रा अयोध्या नगरी, जेल बगीचा से प्रारंभ होकर सत्कार तिराहा, इंदिरा तिराहा, फव्वारा चौक, गोलगंज, बुधवारी, पोस्ट ऑफिस के सामने से होते हुए अयोध्या नगरी पहुंची.
कल मनाया जाएगा तप कल्याणक:-
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में चौथे दिन शनिवार को भगवान आदिनाथ का तप कल्याणक मनाया जाएगा।